Masik Durga Ashtami 2025: आज मासिक अष्टमी पर बन रहे अद्भुत योग, जगत जननी करेंगी हर मनोकामना पूर्ण

Edited By Updated: 01 Aug, 2025 06:42 AM

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Masik Durga Ashtami 2025: दुर्गा अष्टमी हिन्दू धर्म की अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह तिथि देवी दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरीकी उपासना का विशेष दिन होती है। वर्ष 2025 की मासिक दुर्गा अष्टमी और भी विशेष मानी जा रही है

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Masik Durga Ashtami 2025: दुर्गा अष्टमी हिन्दू धर्म की अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह तिथि देवी दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरीकी उपासना का विशेष दिन होती है। वर्ष 2025 की मासिक दुर्गा अष्टमी और भी विशेष मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कई शुभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं जो साधकों और भक्तों के लिए विशेष फलदायक सिद्ध होंगे। यह दिन शक्ति की उपासना का प्रतीक है। देवी दुर्गा के नौ रूपों की आराधना में अष्टमी तिथि का अपना एक विशेष स्थान होता है। मां दुर्गा के अष्टम रूप मां महागौरी को शांति, करुणा और शुद्धता की देवी माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन सच्चे मन से मां की आराधना करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।

Masik Durga Ashtami Shubh Muhurat मासिक दुर्गा अष्टमी शुभ मुहूर्त
ज्योतिष गणना के अनुसार 1 अगस्त को सुबह 4 बजे अष्टमी तिथि की शुरुआत हो जाएगी और अगले दिन 2 अगस्त को सुबह 7 बजे इसका समापन होगा। जगत जननी की पूजा निशिता काल में होती है, इस वजह से 1 अगस्त यानि आज दुर्गा अष्टमी मनाई जाएगी। 

Masik Durga Ashtami Shubh Yog  शुभ योग 
आज बहुत से शुभ योग बनने जा रहा हैं, इस वजह से आज की मान्यता और भी ज्यादा बढ़ गई है। सबसे पहले आज शुभ योग का निर्माण होगा, इस योग में पूजा करने से मनचाही मनोकामना पूर्ण होगी। इसके साथ-साथ इस दिन भद्रावास योग भी बनेगा। ये योग शाम 6 बजे तक ही रहेगा। यदि कोई जातक इन योगों में पूजा-पाठ करता है उसकी अधूरी इच्छाएं जल्द पूर्ण हो जाती हैं। 

पूजा विधि और नियम
मासिक दुर्गा अष्टमी पर देवी की पूजा सूर्योदय से पहले या प्रातःकाल में करनी चाहिए। पूजा करते समय मां दुर्गा के अष्टम रूप मां महागौरी का ध्यान करें। पूजा में दीपक, अक्षत, चंदन, पुष्प, नारियल, फल, मिठाई और लाल वस्त्र का उपयोग किया जाता है। विशेषकर अष्टमी के दिन कन्या पूजन का अत्यधिक महत्व होता है। नौ कन्याओं को देवी का रूप मानकर उन्हें भोजन कराना, उनके चरण धोना, उन्हें उपहार देना, यह सब पुण्य के कार्य माने जाते हैं। कहा जाता है कि कन्याओं के माध्यम से मां दुर्गा स्वयं प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।

इस दिन क्या करें और क्या न करें ?

क्या करें:
मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करें, जैसे कि ॐ दुं दुर्गायै नमः

अष्टमी व्रत का पालन करें।

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर के शुद्ध वस्त्र धारण करें।

नौ कन्याओं को भोजन कराएं और उनका आशीर्वाद लें।

लाल फूल, चंदन, कुमकुम से देवी का पूजन करें।

क्या न करें:

मांस, मदिरा या तामसिक भोजन से परहेज करें।

व्रत में झूठ न बोलें, किसी का अपमान न करें।

पूजा स्थल पर शोर या अशुद्धता न करें।

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