Edited By Niyati Bhandari,Updated: 16 Jul, 2025 02:01 PM

Sawan Kalashtami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा से जीवन संपन्न रहता है। भय और डर से मुक्ति मिलती है। सांसारिक दुखों का नाश होता है। किसी भी...
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Sawan Kalashtami 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा से जीवन संपन्न रहता है। भय और डर से मुक्ति मिलती है। सांसारिक दुखों का नाश होता है। किसी भी तरह की नकारात्मकता भैरव बाबा के भक्तों को छू नहीं पाती। तंत्र साधको के लिए तो यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। वह अपनी तंत्र सिद्धियों से आध्यात्मिक साधना की राह में आगे बढ़ते हैं। जुलाई 2025 में आने वाली कालाष्टमी खास रहने वाली है क्योंकि यह भोले बाबा के प्रिय माह सावन में आ रही है। वेदों में जिस परमपुरुष को रुद्र बताया गया है, तंत्र शास्त्र में उसी रूद्र का भैरव के रूप से वर्णन किया गया है।
Auspicious time of Sawan Kalashtami सावन कालाष्टमी का शुभ मुहूर्त: सावन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 जुलाई की शाम 07 बजकर 08 मिनट पर शुरू होगी। 18 जुलाई की शाम 05 बजकर 01 मिनट पर अष्टमी तिथि समाप्त हो जाएगी। काल भैरव की पूजा करने का निशा काल में विधान है। पूजा मुहूर्त को देखते हुए 17 जुलाई को सावन माह की कालाष्टमी मनाई जाएगी।

Method of worshiping Kalashtami कालाष्टमी पूजा विधि: घर की वायव्य दिशा में गुलाबी वस्त्र पर भैरव का चित्र स्थापित करके विधिवत पूजन करें। सुगंधित तेल का दीप करें, गुलाब की अगरबत्ती से धूप करें, गुलाबी फूल चढ़ाएं, अबीर चढ़ाएं, इत्र चढ़ाएं, मीठे चावल का भोग लगाएं तथा इस विशेष मंत्र का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग कुत्ते को खिलाएं।

Kalashtami Puja Mantra कालाष्टमी पूजा मंत्र: ॐ उमानंद भैरवाय नमः॥

Kalashtami remedies कालाष्टमी उपाय
गुप्त रोगों के निदान हेतु दही-शक्कर के घोल में अपनी छाया देखकर कुत्ते को खिलाएं।
मधुर दांपत्य संबंध बनाने हेतु भैरव पर चढ़ा इत्र बेडरूम में छिड़कें।
प्रेम में सफलता हेतु प्रेमी का नाम लेते हुए चमेली के तेल का पंचमुखी दीपक रात्रि में चौराहे पर जलाएं।
