Edited By Prachi Sharma,Updated: 19 Oct, 2025 02:00 PM

Masik Shivratri Vrat Katha: मासिक शिवरात्रि के दिन खास तौर पर महादेव की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से महादेव किसी भी भक्त की झोली खाली नहीं रहने देते...
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Masik Shivratri Vrat Katha: मासिक शिवरात्रि के दिन खास तौर पर महादेव की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार यह व्रत हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को रखने से महादेव किसी भी भक्त की झोली खाली नहीं रहने देते हैं। इसके अलावा यदि आपके वैवाहिक जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी चल रही है तो आज यानि मासिक शिवरात्रि के दिन इस कथा को पढ़ना या सुनना अवश्य चाहिए। इस कथा को पढ़े बिना यह व्रत अधूरा माना जाता है। तो चलिए जानते हैं व्रत कथा-
व्रत कथा:
बहुत समय पहले की बात है, एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ रहता था। उसकी पत्नी बहुत धार्मिक और पूजा-पाठ में विश्वास रखने वाली थी। वह हर महीने पूरी श्रद्धा से मासिक शिवरात्रि का व्रत रखती थी। अपनी पत्नी को देखकर ब्राह्मण ने भी यह व्रत करना शुरू कर दिया एक बार मासिक शिवरात्रि के दिन, दोनों पति-पत्नी ने अत्यंत भक्तिभाव से भगवान शिव की पूजा की, व्रत रखा और उनसे हमेशा अपनी कृपा बनाए रखने की प्रार्थना की। पूजा समाप्त होने के बाद, उन्होंने कुछ राहगीरों को दक्षिणा भी दी। संयोग से, उसी दिन उनके गाँव में एक दुखी ब्राह्मण आया हुआ था। ब्राह्मण दंपति ने उसे अपने घर बुलाया और भगवान शिव के आशीर्वाद से भरपूर भोजन कराया। इस मासिक शिवरात्रि पर एक जरूरतमंद को भोजन कराकर उन्होंने बड़ा पुण्य कमाया।

उनकी इस सच्ची श्रद्धा और सेवा से भगवान शिव बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने उस ब्राह्मण दंपति पर अपनी विशेष कृपा बरसाई, जिसके फलस्वरूप उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो गईं। मासिक शिवरात्रि का व्रत और कथा मन की इच्छाओं को पूरा करने और जीवन की बाधाओं को दूर करने में सहायक है। और जब इस व्रत के साथ किसी दुखी या जरूरतमंद की सेवा भी की जाती है, तो भगवान शिव की कृपा शीघ्र मिलती है।
