Edited By Jyoti,Updated: 14 Dec, 2021 08:18 PM

ना केवल देश भर में बल्कि दुनिया के विभिन्न कोनों में सनातन धर्म यानी हिंदू धर्म के देवी देवताओं के मंदिर स्थापित है, इन्हीं में से एक है मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर। जिसे भारत देश में प्रसिद्ध
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ना केवल देश भर में बल्कि दुनिया के विभिन्न कोनों में सनातन धर्म यानी हिंदू धर्म के देवी देवताओं के मंदिर स्थापित है, इन्हीं में से एक है मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर। जिसे भारत देश में प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। बता दे यह मंदिर राजस्थान के दौसा जिले के पास स्थित है। यहां बजरंगबली मेहंदीपुर बालाजी के रूप में विराजमान है, जिनके दर्शन के लिए लोग दुनिया भर से पहुंचते हैं।
बताया जाता है कि यह मंदिर अपने कुछ रहस्य व खास बातों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है दो पहाड़ियों के बीच में स्थित इस मंदिर में कई तरह की विचित्र बातों और चीजों को जानने का अनुभव प्राप्त होता है। मान्यता है कि यहां मुख्य तौर पर भूत प्रेत की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए लोग बालाजी के चरणों में हाजिरी लगाते हैं। इस मंदिर में प्रेतराज सरकार और बाबा भैरव जी जिन्हें काशी के कोतवाल भी कहा जाता है कि प्रतिमा भी स्थापित है।
यहां के निवासियों द्वारा बताया जाता है कि जिस किसी पर भी किसी प्रकार का ऊपरी साया या बुरी शक्ति का साया होता है, उसके लिए यहां कीर्तन आदि किया जाता है। नियमित रूप से रोज 2:00 बजे इस तरह के लोगों के यहां पेशी होती है पूर्वी ना इतना ही नहीं इस मंदिर को लेकर जो सबसे खास मान्यता प्रचलित है वह यह है कि इस मंदिर का प्रसाद कभी भी कर नहीं लेकर जाया जाता।
तो आइए जानते हैं कि क्यों इस मंदिर का प्रसाद घर में लाना वर्जित माना जाता है-
मान्यता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के प्रसाद को ना तो खाना चाहिए ना ही इसे घर लाना चाहिए। इतना ही नहीं बल्कि इस प्रसाद को किसी अन्य व्यक्ति के साथ बांटना या देना भी नहीं चाहिए। ऐसी मान्यता है कि यहां से किसी भी चीज को घर ले जाने से किसी ने किसी प्रकार का पूरा साया व्यक्ति को प्रभावित कर देता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की बात करें तो कहा जाता है कि यहां स्थित बालाजी की मूर्ति की छाती के बीच में एक छेद है जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है। इसे बालाजी का पसीना माना जाता है।
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां भगवान श्री राम के परम भक्त हनुमान जी अपने बाल रूप में विराजमान है। मंदिर में श्री राम और माता सीता की भी मूर्ति स्थापित है।
यहां रोजाना दरबार में 2:00 बजे कीर्तन होता है जिसमें नकारात्मक बुराइयों और भूत प्रेत की बाधाओं से बचने के लिए प्रेतराज सरकार से प्रार्थना की जाती है।
इसके अलावा बताया जाता है कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में आने वाले सभी लोगों को यहां आने के पहले और आने के बाद तक पूरे 1 सप्ताह के लिए अंडा, मांस, शराब लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना होता है।