Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 May, 2023 08:23 AM
एक बार मदर टैरेसा कुष्ठ रोग से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए कोलकाता में दुकान-दुकान जाकर चंदा एकत्र कर रही थीं। इसी सिलसिले
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Inspirational Story: एक बार मदर टैरेसा कुष्ठ रोग से पीड़ित रोगियों के इलाज के लिए कोलकाता में दुकान-दुकान जाकर चंदा एकत्र कर रही थीं। इसी सिलसिले में वह एक अमीर व्यापारी की दुकान पर पहुंचीं, जो अपनी दुकान पर बैठे-बैठे पान चबा रहा था।
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जब मदर टैरेसा ने उस व्यापारी के आगे अपना हाथ फैलाकर कहा कि कुष्ठ रोग से पीड़ित भाइयों के लिए कुछ देने की कृपा करें, तब उस व्यापारी ने मदर के हाथ पर पान की ‘पीक’ थूक दी।
इस पर मदर टैरेसा विचलित नहीं हुईं क्योंकि वह सच्ची सेवक थीं। उन्होंने तुरन्त अपना हाथ पीछे करते हुए कहा, ‘‘यह तो मेरे लिए हो गया’’ और फिर अपना बायां हाथ आगे फैलाते हुए अत्यंत प्यार से बोलीं, ‘‘अब कृपा कर मेरे कुष्ठ रोगी भाइयों के लिए कुछ देने का कष्ट करें।’’
उस व्यापारी ने सोचा भी नहीं था कि किसी के हाथ पर थूकने के बाद भी वह बिल्कुल विचलित और क्रोधित नहीं होगा और उलटा अपना प्यार प्रदर्शित करेगा। वह तुरन्त मदर के चरणों में गिर पड़ा। अपने किए की माफी मांगी और उसके बाद मदर टैरेसा की मदद भी की।