खुद चुनें अपना सही मार्ग, निश्चित होंगे सफल

Edited By Jyoti,Updated: 18 Mar, 2021 11:56 AM

motivational concept in hindi

एक राजा था। उसके मन में यह संकल्प हुआ कि जो दुनिया में सबसे बड़ा बढिय़ा धर्म है उसको हम स्वीकार करेंगे। राजा ने बड़े-बड़े आचार्यों को आमंत्रित किया। कोई कहता कि हम ईश्वर के इकलौते बेटे हैं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक राजा था। उसके मन में यह संकल्प हुआ कि जो दुनिया में सबसे बड़ा बढिय़ा धर्म है उसको हम स्वीकार करेंगे। राजा ने बड़े-बड़े आचार्यों को आमंत्रित किया। कोई कहता कि हम ईश्वर के इकलौते बेटे हैं। कोई कहता कि हमारे पास तो खास खुदा ने पैगाम भेजा है।

राजा के राज्य में एक महात्मा रहते थे। वह स्वयं राजा के पास पहुंचे। राजा से बोले-राजा, तुम्हारी परेशानी क्या है? राजा ने कहा कि यह निश्चय नहीं होता कि दुनिया का सबसे बढिय़ा धर्म कौन सा है। 

महात्मा ने कहा देखो, सोच विचार करने की जरूरत नहीं है। लड़ाई-झगड़े से कुछ तय होता नहीं। तुम मेरे साथ नदी के उस पार चलो। तब हम तुम्हें शुद्ध भाव से बता देंगे कि सबसे बड़ा धर्म कौन सा है।

राजा ने कहा ठीक है-ऐसा ही सही। महात्मा बोले तुम्हारे राज्य में कितनी नावें हैं। उनमें से जो सबसे बढिय़ा है उसे ही नदी पार करने के लिए मंगवाओ। राजा ने दो हजार नावें मंगवा लीं और कहा-देखो महाराज यह नाव बढिय़ा है। 

महात्मा ने कहा नहीं इसका रंग तो काला है यह अच्छी नहीं है इसमें तो काली कील लगी हुई है। इस प्रकार महात्मा ने सभी नावों में कुछ न कुछ नुक्स निकाल दिया। राजा बड़ा परेशान हुआ। 

उसने महात्मा से कहा महाराज छोटी-सी नदी है इसको पार करना है किसी भी नाव में बैठ कर पार कर लो।

महात्मा ने कहा इतनी-सी तो बात है कि छोटी सी नदी पार करनी है उसमें सर्वश्रेष्ठ नाव चुनने की जैसे जरूरत नहीं है उसी प्रकार तुम धर्म से पार करो, भक्ति से पार करो अथवा ज्ञान से पार करो-तुम जिस मार्ग पर चलोगे बस यही सबसे बढ़िया है। पर किसी मार्ग पर चलो तो सही।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!