Edited By Jyoti,Updated: 04 May, 2021 10:42 AM
स्वामी रामतीर्थ अमरीका में धर्म प्रचार कर रहे थे। एक दिन एक अमरीकी महिला उनके पास आकर बोली-‘‘स्वामी जी, मेरा इकलौता पुत्र मर गया है, मैं बहुत दुखी हूं।
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स्वामी रामतीर्थ अमरीका में धर्म प्रचार कर रहे थे। एक दिन एक अमरीकी महिला उनके पास आकर बोली-‘‘स्वामी जी, मेरा इकलौता पुत्र मर गया है, मैं बहुत दुखी हूं। कृपा करके मुझे आनंद प्राप्ति का मार्ग बता दीजिए।’’
स्वामी जी ने कहा कि आपको आनंद प्राप्ति का मार्ग तो बता दूंगा लेकिन उसके लिए आपको कीमत चुकानी पड़ेगी। महिला तुरंत बोली-‘‘स्वामी जी मेरे पास धन-दौलत की कोई कमी नहीं है। आप जो कीमत कहें मैं देने को तैयार हूं।’’
स्वामी जी बोले-‘‘माता, आनंद के राज्य में सोने, चांदी के सिक्के नहीं चलते।’’ यह कहते हुए स्वामी जी ने एक हठी अनाथ बालक महिला को देते हुए कहा, ‘‘लो, अपने पुत्र की तरह इसका पालन-पोषण करो तो तु हें सच्चे आनंद की प्राप्ति होगी।’’ इस पर महिला बोली- ‘‘स्वामी जी यह तो बड़ा मुश्किल कार्य है, यह मुझसे नहीं हो सकेगा।’’
स्वामी जी ने उत्तर दिया, ‘‘तो आनंद प्राप्त करना भी बड़ा मुश्किल है। मैं आपको उसकी प्राप्ति नहीं करा सकता।’’