Edited By Prachi Sharma,Updated: 10 Apr, 2024 12:03 PM
आज 10 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है और इस दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाता है। इनकी पूजा व अराधना करने से जीवन में आ रहे सभी
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Navratri 2nd day: आज 10 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है और इस दिन मां ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाता है। इनकी पूजा व अराधना करने से जीवन में आ रहे सभी कष्ट व संकट दूर होते हैं। विशेष तौर पर छात्रों को मां ब्रह्मचारिणी का पूजन जरूर करनी चाहिए। इससे उन्हें मां का आशीर्वाद मिलता है और सफलता प्राप्त होती है। मां ब्रह्माचारिणी का पूजन करते समय उन्हें चीनी, मिश्री या फिर पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। इससे वह प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। अगर आप मां ब्रह्मचारिणी की कृपा पाना चाहते हैं नवरात्रि के दूसरे दिन उनका विधि-विधान से पूजन करें और पूजा के बाद कथा ज़रूर पढ़नी या सुननी चाहिए। तो चलिए आज जानते हैं मां ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा और मां ब्रह्मचारिणी की पूजन विधि-
मां ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, ब्रह्मचारिणी माता ने पुत्री बनकर पर्वतराज हिमालय के घर जन्म लिया। माता भगवान शंकर को पति के रूप में पाना चाहती थीं। अपनी इस इच्छा को पूरा करने के लिए नारद जी की सलाह पर माता ने कठोर तप किया। तपस्या के कारण ही इनका नाम ब्रह्मचारिणी रखा गया। 1000 सालों तक इन्होंने फल और फूल खाकर अपना समय व्यतीत किया। साथ ही 100 वर्ष तक जमीन पर रहकर तपस्या की। कहते हैं कि कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रहकर तपस्या करने से देवता प्रसन्न हुए और मनोकामना पूर्ति का वरदान मिला।
मां की दूसरी नवरात्रि पर मां ब्रह्मचारिणी का पूजन कैसे करें-
इस प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। स्नान के पश्चात सफेद वस्त्र धारण करें। घर में मौजूद मां की प्रतिमा में मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप स्मरण करें। मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत से स्नान कराएं। मां ब्रह्मचारिणी को सफेद या पीले वस्त्र अर्पित करें। मां ब्रह्मचारिणी को रोली, अक्षत, चंदन आदि चढ़ाएं। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में गुड़हल या लाल रंग के फूल का ही प्रयोग करें। मां ब्रह्मचारिणी का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें। मां ब्रह्मचारिणी की आरती उतारें और भोग लगाएं।
मां ब्रह्मचारिणी को चीनी अर्थात शक्कर का भोग अत्यंत प्रिय है। इसके अतिरिक्त आप किसी भी सफेद खाद्य पदार्थ का भोग लगा सकते हैं। मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाने से आयु में वृद्धि का वरदान मिलता है।
मां ब्रह्मचारिणी भले ही श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं लेकिन उनका प्रिय रंग लाल है। इसके अलावा, मां को वट वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़ का फूल अत्यंत भाता है।