Saturn transit 2022: सिंह राशि वालों के लिए कैसा रहेगा शनि का राशि परिवर्तन !

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Jan, 2022 08:33 AM

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शनिदेव इस साल यानी साल 2022 में दो बार अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव हर अढ़ाई साल के बाद अपनी राशि बदलते हैं और ज्योतिष के राशि चक्र की सभी 12 राशियों के भ्रमण में 30 साल

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Shani transit 2022: शनिदेव इस साल यानी साल 2022 में दो बार अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि देव हर अढ़ाई साल के बाद अपनी राशि बदलते हैं और ज्योतिष के राशि चक्र की सभी 12 राशियों के भ्रमण में 30 साल लगाते हैं। एक राशि में अपना सफर पूरा करने के बाद शनि देव को उसी राशि में आने में 30 साल लग जाते हैं।

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शनिदेव 29 अप्रैल 2022 को सुबह 7 बजकर 52 मिनट पर मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि 30 साल बाद अपनी कुम्भ राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं और उनके कुंभ में प्रवेश करते ही कर्क और वृश्चिक वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जायेगी। साथ ही मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी।

29 अप्रैल 2022 को शनि देव कुंभ राशि में आने के बाद सभी 12 राशियों को प्रभावित करेंगे। इस बार विलक्षण संयोग भी बन रहा है कि 29 अप्रैल को मकर राशि से कुंभ राशि में जाने के अढाई महीने बाद 12 जुलाई 2022 को फिर उल्टी गति चलते हुए यानी वक्री अवस्था में शनिदेव फिर से मकर राशि में आ जाएंगे और 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहने के बाद फिर से कुंभ राशि में जाएंगे। इस तरह वर्ष 2022 में पहले 29 अप्रैल और फिर 12 जुलाई को शनि के दो बार राशि परिवर्तन से सभी 12 राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस बारे में आपको बताया जाएगा।

हमारे ज्योतिष में और नवग्रहों में शनि देव को एक प्रमुख स्थान हासिल है। इन्हें न्याय का देवता और कर्म का कारक माना गया है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव जिस पर प्रसन्न हो जाएं, उसे रंक से राजा बना देते हैं और जिन पर उनकी क्रूर दृष्टि पड़ती है, उस व्यक्ति की मुसीबतें बढ़ जाती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि हमारे इसी जीवन में शनि हमारे कर्मों के मुताबिक हमें फल देते हैं।

जन्म कुंडली में शनि की शुभ स्थिति जहां लाभ प्रदान करती है, वहीं अशुभ स्थिति जीवन में दिक्कत, परेशानी और आर्थिक संकटों का कारण भी बनती है। यही कारण है कि शनि देव को हर कोई शांत रखना चाहता है और हर कोई शनि की कृपा पाने को लालायित रहता है।

शनि देव नाराज होने पर धन में कमी लाते हैं, धन हानि कराते हैं। जॉब और बिजनेस में दिक्कतें पैदा करते हैं। यहां तक कि कई बार जॉब से भी व्यक्ति को हाथ धोना पड़ता है। इस दौरान रोग भी घेर लेते हैं, दांपत्य जीवन में भी दिक्कतें आने लगती हैं। व्यक्ति की जमा पूंजी नष्ट हो जाती है। कर्ज बढ़ जाता है।

शनिदेव अपनी साढ़ेसाती, ढैया और अपनी महादशा व अंर्तदशा में व्यक्ति को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। शनि देव व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल प्रदान करने वाले देवता के रूप में जाने जाते हैं।

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वैदिक ज्‍योतिष में शनि को सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह माना जाता है और यह एक राशि में अढ़ाई साल तक रहते हैं। यही कारण है कि शनि का प्रभाव व्यक्ति अधिक समय तक रहता है।

29 अप्रैल 2022 को जब शनि देव अपना राशि परिवर्तन करेंगे तो सिंह राशि वालों के लिए उनका राशि परिवर्तन कैसा रहेगा। सिंह राशि वाले क्या खोएंगे, क्या पाएंगे ..?  उनके जीवन में क्या अच्छा रहेगा ? कहां दिक्कत रहेगी ? शनि सिंह राशि वालों को कैसे फल प्रदान करेंगे और कहां सचेत रहना होगा।

सिंह राशि सूर्य की राशि है और शनि की मूल त्रिकोण राशि से यह तीसरी राशि है। साल 2022 की शुरुआत से 29 अप्रैल तक शनिदेव सिंह राशि के जातकों के 6ठें भाव में रहेंगे। यहां बैठकर शनि की दृष्टि का प्रभाव कुंडली के 8वें, 12वें और तीसरे भाव में रहेगा। 12वां भाव खर्च का, हानि का और काम सुख का भाव भी है। लिहाजा मेहनत का फल मिलेगा। कानूनी प्रक्रियाओं में उलझे, सिंह राशि के जातकों को इस अवधि में फैसले उनके पक्ष में आते दिखेंगे। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को इस अवधि में उनकी मेहनत का सकारात्मक फल प्राप्त हो सकता है परन्तु विवाहित जातकों के लिए ये समय अच्छा नहीं कहा जा सकता। आप दोनों इस दौरान एक दूसरे की बातों को समझने में असमर्थ रह सकते हैं। निजी संबंधों में दूरी आएगी।

29 अप्रैल से 12 जुलाई तक अढ़ाई महीने शनिदेव सिंह राशि वालों के 7वें भाव में गोचर करेंगे। इस भाव से उनकी दृष्टि तीसरे,  9वें और पहले भाव पर पड़ेगी। पहला भाव यानी लगन हमारी मनःस्थिति (मेंटेलिटी),  हमारी पर्सनालिटी, हमारे स्वास्थ्य व हमारी नेचर को बताता है। 9वां भाव हमारे भाग्य का स्थान है। तीसरा भाग पराक्रम का है। शनि के सातवें भाव में गोचर और उनकी दृष्टि की वजह से हमारे जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन भी आएंगे । साझेदारी में चल रहे कार्यों में सफलता मिलेगी।  भाग्य का भी साथ मिलेगा लेकिन माता की सेहत प्रभावित हो सकती है। जो लोग अनमैरिड हैं, उनकी जीवन साथी की तलाश पूरी हो सकती है।

12 जुलाई के बाद शनिदेव उल्टी चाल चलते हुए फिर से छठे भाव में गोचर करने लगेंगे। यहां बैठ कर उनकी दृष्टि अष्टम भाव, 12वें भाव व दूसरे भाव पर रहेगी। उचित होगा कि इस दौरान अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखें अन्यथा कोई पुराना रोग फिर से उभर सकता है। चोट लगने की आशंका भी रहेगी लेकिन कड़ी मेहनत का फल भी मिलेगा और अधिकारी आप पर मेहरबान रहेंगे। यह समय उन जातकों के लिए अच्छा रहने की संभावना है, जो कानून की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर कानूनी मामलों से जुड़े किसी पेशे में हैं। नौकरी करने वाले सिंह राशि के जातकों के लिए भी यह समय अनुकूल रह सकता है।

खास उपाय: हर शनिवार को शाम के समय काले कुत्ते को दूध और रोटी खिलाएं। गरीबों को अनाज, काला कंबल आदि का दान कर सकते हैं। कुष्ठ रोगियों की सेवा करें। ऐसा करने पर शनिदेव की कृपा हासिल होगी।

गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

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