Shani Vakri 2025: 138 दिन के लिए शनि वक्री, 3 राशियों की होगी चांदी

Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 May, 2025 01:34 PM

शनि देव वक्री होने जा रहे हैं। 138 दिन का पीरियड है जब शनि देव मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। अब मीन राशि में जब शनि देव वक्री हो रहे हैं, तो उसका आपके ऊपर क्या असर पड़ेगा ? वैसे तो हर प्लेनेट हर साल वक्री होता है।

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Shani Vakri 2025: शनि देव वक्री होने जा रहे हैं। 138 दिन का पीरियड है जब शनि देव मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। अब मीन राशि में जब शनि देव वक्री हो रहे हैं, तो उसका आपके ऊपर क्या असर पड़ेगा ? वैसे तो हर प्लेनेट हर साल वक्री होता है। गुरु 120 दिन के लिए वक्री होते हैं। शनि लगभग 140 दिन के लिए वक्री होते हैं। शनि देव का यह गोचर कुछ राशियों के लिए बेहद खास होने वाला है। मीन राशि में जब शनि है तो कुछ राशियों के ऊपर साढ़ेसाती चल रही है, कुछ राशियों के ऊपर ढैया चल रही है। कुछ राशियों के लिए गोचर यह अच्छा भी है। 

वृषभ राशि:  वृषभ राशि शुक्र की राशि है। वृषभ राशि के जातकों के लिए शनि योगकारक हो जाते हैं। वृषभ राशि के लिए यह गोचर अच्छा इसलिए है क्योंकि वृषभ राशि से शनि 11 में गोचर कर रहे हैं। जब यह कुंडली बनाएंगे तो वृषभ राशि की शनि का गोचर 11 में आ जाएगा। अब 11 में शनि का गोचर है, 11वां भाव भी मजबूत हो गया। 11वां भाव आपकी इच्छाओं का भाव है। काल पुरुष की कुंडली एक लग्न की होती है। वहां पर शनि 11वें के स्वामी भी हो जाते हैं। यहां पर पाप ग्रह होने के नाते शनि का गोचर अच्छा है। इसलिए आपको 11वें से संबंधित अच्छे फल जरूर मिलेंगे। यदि आपकी प्रमोशन पेंडिंग है तो हो सकता है कि वहां पर चीजें आगे सरकती हुई नजर आए। यदि आपका इनकम को लेकर कोई दिक्कत चल रही है, फ्लो को लेकर कोई दिक्कत चल रही है तो हो सकता है कि वहां पर चीजें ठीक हो जाए। यदि कोई कोर्ट केस चल रहा है तो वो समाधान होता हुआ नजर आएगा। क्योंकि जो 11वां होता है वो छठे का छठा होता है और छठे के फल शनि करेंगे, छठे में बैठकर और इसके साथ-साथ क्योंकि शनि न्याय के कारक हैं। वृषभ राशि में शनि की जो मकर राशि है वह आपके भाग्य स्थान में आ जाती है। भाग्य स्थान में मकर राशि के आने के कारण आपको भाग्य से संबंधित चीजें जो है वो आपका भाग्य थोड़ा सा साथ देता हुआ नजर आएगा क्योंकि आपका जो प्लनेट है, शनि वक्री अवस्था में चल रहा है।  निश्चित तौर पर भाग्य आपका साथ देता हुआ नजर आएगा। धार्मिक यात्राएं आप इस दौरान कर सकते हैं और कोई भी आप काम करेंगे उसमें आपको थोड़ी सी आसानी होती हुई नजर आएगी। इसके अलावा शनि दशम के भी स्वामी हो जाते हैं। वृषभ राशि के जातकों के लिए कर्म से संबंधित फल भी आपको निश्चित तौर पर उसके अच्छे मिलते हुए नजर आएंगे। तो निश्चित तौर पर कारोबार के लिहाज से भी यह गोचर या शनि का वक्री होना अच्छा है। क्योंकि भाग्य स्थान का स्वामी और दशम का स्वामी दोनों का वक्री है। यह केंद्र और त्रिकोण के भाव है, शनि आपके लिए भी योग कारक है। तो निश्चित तौर पर योगा कारक ग्रह का वक्री हो जाना वृषभ राशि के जातकों के लिए काम के लिहाज से, पैसे के लिहाज से, इच्छाओं की पूर्ति के लिहाज से, प्रमोशन के लिहाज से, कोर्ट केसेस के लिहाज से और अध्यात्म के लिहाज से काफी अच्छा रहने वाला है।

तुला राशि: तुला राशि के वह जातक जो स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए हैं, उनके ऊपर इस समय शनि की ही महादशा चल रही है। यदि आपका नक्षत्र स्वाति है, राशि तुला है। आपकी उम्र 30 से 50 साल के बीच है तो आप शनि की महादशा में ही हैं  तो महादशा नाथ का शुभ गोचर में आ जाना बहुत अच्छा है। दूसरा शुभ गोचर में भी आकर वक्री हो जाना बहुत अच्छा है। तुला राशि के लिए अच्छा इसलिए है क्योंकि तुला राशि के जातकों के लिए शनि जो होते हैं योगा कारक ग्रह हो जाते हैं। योगा कारक ग्रह इसलिए तुला राशि के लिए शनि का चौथा भाव होता है, कुंडली में वहां पर शनि की मकर राशि आ जाएगी। पंचम में यहां पर कुंभ राशि आ जाएगी। तो एक केंद्र और एक एक त्रिकोण का स्वामी होने के कारण शनि की स्थिति आपके लिए योगकारक ग्रह वाली हो जाती है और योगकारक ग्रह अक्सर अच्छा फल कर जाते हैं। छठे में बैठकर शनि आपके लिए बहुत अच्छा फल करेंगे क्योंकि यह आपके महादशा भी हैं,  छठे भाव में भी हैं। अचानक से इन 138 दिनों में अचानक से आपको कोई न कोई फायदे हो सकते हैं। सबसे पहले तो शनि चौथे भाव का फल करेंगे। चौथा भाव आपकी प्रॉपर्टी का भाव होता है, आपकी मदर की सेहत यहां से देखी जाती है। मदर का विचार यहां से किया जाता है, एसेट क्रिएशन यहीं से की जाती है। यदि आप स्टूडेंट हैं तो आपको स्टूडेंट्स को भी वहां पर उसका फायदा हो सकता है। क्योंकि चौथे और पांचवें भाव से हम स्टडी का भी विचार करते हैं। तो निश्चित तौर पर तुला राशि के जातकों के लिए सबसे पहले तो चौथे भाव से संबंधित फल मिलेंगे। एसेट की क्रिएशन हो सकती है। कोई न कोई नई चीज आप परिवार में ले आ सकते हैं। पंचम भाव के स्वामी की दशा चल रही है और वही वक्री हो गया तो पंचम सुत भाव होता है। आपको उसके अच्छे रिजल्ट मिलते हुए नजर आएंगे। यहां पर शनि बैठ जाते हैं, उस भाव को मजबूत कर देते हैं। तो तुला राशि के जितने भी जातक यदि कर्ज की स्थिति से गुजर रहे हैं तो निश्चित तौर पर इन 138 दिनों में शनि आपके लिए अच्छा फल करेंगे। कर्ज धीरे-धीरे उतरना शुरू हो सकता है। यदि आपका पैसा कहीं कहीं पे फंसा हुआ है तो वह पैसा भी आपको हो सकता है कि वापस आना शुरू हो जाए।  यदि किसी के ऊपर कोई कोर्ट केस चल रहा है तो वहां पर आपको लाभ मिलता हुआ नजर आएगा। इसके बावजूद थोड़ा सा ध्यान ड्राइविंग में जरूर रखना है क्योंकि अष्टम पर तीसरी दृष्टि जा रही है। हो सकता है कहीं न कहीं दुर्घटना हो जाए या आपकी सीक्रेसी कॉम्प्रोमाइज हो जाए। तुला राशि के जो जातक खासतौर पर जो स्वाति नक्षत्र में पैदा हुए हैं जिनके ऊपर इस समय दशा शनि की चल रही है। इसके साथ-साथ एक और चीज का आप ध्यान रखिएगा कि 12वें भाव के ऊपर शनि की दृष्टि जा रही है,वक्री शनि है।  थोड़े से खर्चे आपके जरूर हो सकते हैं। इसका आपको जरूर ध्यान रखना है कि अपना बजट उस तरीके से मैनेज करिए ताकि आपके खर्चे यदि बढ़ भी जाए थोड़े से तो आपको उसमें कोई परेशानी न हो।

मकर राशि: मकर राशि के लिए पहले वह शनि राशि के स्वामी हैं। दूसरा मकर राशि के लिए अभी साढ़ेसाती हाल ही में खत्म हुई है पर शनि शुभ गोचर में चल रहे हैं। शनि का तीसरे, छठे और 11वें का गोचर शुभ होता है। तो मकर राशि के लिए यह गोचर तीसरे भाव का है। तो राशि के स्वामी का वक्री हो जाना, शुभ स्थिति में जाकर वक्री हो जाना निश्चित तौर पर आपके लिए अच्छा है। अब शनि यहां पर करेंगे क्या ? तीसरा भाव आपके पराक्रम का भाव होता है। आपके ब्रदर्स का भाव होता है। आपका कंधे से संबंधित कोई भी समस्या आती है, तो आपकी तीसरे भाव से देखी जाती है। तो यदि आपको भाइयों का साथ नहीं मिल पा रहा या भाई के साथ किसी तरीके का कनफ्लिक्ट चल रहा है तो हो सकता है कि इस दौरान यह चीजें थोड़ी सी ईज़ आउट होती हुई नजर आए। तीसरा भाव क्योंकि पराक्रम का भाव है। आप कोई भी डिसीजन करेंगे इस 138 दिन के दौरान तो आप पूरे कॉन्फिडेंस के साथ करेंगे। इस अवधि के दौरान क्योंकि राशि का स्वामी है, वक्री अवस्था में है, उसका चेष्टा बल बढ़ा हुआ है। तो आप में कॉन्फिडेंस भर-भर के आएगा और आप डिसीजन मेकिंग आपकी अच्छी डिसीजन मेकिंग अच्छी हो जाएगी और आपका डिसीजन चलेगा भी। कई बार होता है कि हम डिसीजन करते हैं, आपका डिसीजन चलता नहीं है। भाग्य साथ नहीं देता आपका, इस स्थिति में क्या होगा कि आपका भाग्य भी साथ देगा। आपकी डिसीजन मेकिंग भी अच्छी होगी और आपको निश्चित तौर पर सहयोग भी मिलेगा। ब्रदर्स का सहयोग मिल सकता है। मित्रों का सहयोग भी मिल सकता है। ऐसी स्थिति में क्योंकि राशि का स्वामी वक्री है। राशि का स्वामी शुभ स्थिति में है तो निश्चित तौर पर आप खुद को थोड़ा सा एंथिज्म में भी पाएंगे। थोड़ा सा उत्साह आपका बढ़ा हुआ नजर आएगा। कोई भी काम करेंगे आप पूरे उत्साह के साथ करेंगे। आप कोई भी काम करेंगे पूरी तैयारी के साथ पूरी उसके साथ करेंगे। हालांकि मकर राशि के जातक थोड़े से सुस्त होते हैं लेकिन यह सुस्ती थोड़ी सी निकल जाएगी। अब इसके लिए इसके अलावा जो दूसरा भाव होता है मकर राशि के जातकों के लिए वहां पर शनि की मूल त्रिकोण राशि आ जाती है। इससे आपको निश्चित तौर पर कारोबार में वृद्धि होती हुई नजर आएगी क्योंकि कारोबार बढ़ेगा तभी आपका धन बढ़ेगा। धन में वृद्धि होती हुई नजर आएगी। अचानक कहीं से आपको धन का लाभ हो सकता है। यह भाव कुटुंब का भी भाव होता है। जब कुटुंब के भाव का स्वामी मजबूत स्थिति में आ जाता है तो उससे निश्चित तौर पर आपको फैमिली का सपोर्ट मिलता है। कई बार यह होता है कि हम कोई काम करना चाह रहे हैं। उसमें फैमिली सपोर्ट नहीं कर रही। वहां पर आपको फैमिली का सपोर्ट मिलता हुआ नजर आएगा। यदि आपकी ईटिंग हैबिट्स को लेकर कोई दिक्कत है तो हो सकता है कि ऐसी स्थिति में आपकी ईटिंग हैबिट्स भी सुधर जाए। यदि आप मैरिड हैं, आपकी संतान है तो संतान के पक्ष से हो सकता है कि थोड़ी बहुत आपको दिक्कत हो जाए। शनि की दशम दृष्टि रहेगी आपके 12वें भाव के ऊपर। 12वां आपकी यात्रा का भाव होता है, यात्रा हो सकती है। विदेश यात्रा का भाव होता है।

नरेश कुमार
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