Shanidev Navgrah Mandir: देश का एकमात्र ऐसा शनि मंदिर जहां शिव जी के रूप में विराजमान है शनिदेव

Edited By Updated: 17 May, 2025 07:01 AM

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Shanidev Navgrah Mandir: शनिदेव और शनिवार जिस तरह एक दूसरे से मेल खाते हैं। उसी तरह अगर शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाए तो सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन शनिदेव के दर्शन और इनके मंदिर जाना बहुत ही शुभ माना जाता है।

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Shanidev Navgrah Mandir: शनिदेव और शनिवार जिस तरह एक दूसरे से मेल खाते हैं। उसी तरह अगर शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा की जाए तो सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन शनिदेव के दर्शन और इनके मंदिर जाना बहुत ही शुभ माना जाता है। भारत में इनके लाखों-करोड़ों मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी ही पहचान है और इन मंदिरों की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। इनमें से कई स्थान ऐसे भी है जिन्हें जानकर आश्चर्य भी होता है। जिस मंदिर के बारे में हम बात कर रहे हैं वह मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है। इस मंदिर को शनि मंदिर और शनि नवग्रह मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये भवन शिप्रा नदी के तट पर स्थित है। बताया जाता है कि लगभग दो हजार साल पहले इस मंदिर की स्थापना राजा विक्रमादित्य ने की थी। कहा जाता है कि विक्रमादित्य ने इस मंदिर के बनाने के बाद ही विक्रम संवत की शुरुआत की थी।

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इस मंदिर की खास बात ये है कि यहां पर मुख्य शनिदेव की प्रतिमा के साथ-साथ ढैय्या शनि की भी प्रतिमा भी स्थापित है। इस मंदिर में जो भी भक्त आता है उस पर से शनि ढैय्या का असर उसी दिन से कम होने लगता है और शनि दोषों से पूर्ण रूप से मुक्ति मिलती है। यही नहीं, ये शनि देव का पहला मंदिर भी है, जहां शनिदेव शिव के रूप विराजमान है। यहां आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामना के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि यहां साढ़ेसाती और ढैय्या की शांति के लिए शनिदेव पर तेल चढ़ाया जाता है। इस परिसर में आने वाला हर भक्त कुछ न कुछ ज़रूर लेकर जाता है। शनि महाराज यहां आने वाले हर इंसान की मनोकामना बिना मांगे पूरी करते हैं। माना जाता है शनि देव के इस दरबार से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता।

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शनि अमावस्या के दिन यहां 5 क्विंटल तेल शनिदेव पर चढ़ता है। मंदिर प्रशासन को इसके लिए कई टंकी की व्यवस्था करना पड़ता है। बाद में इस तेल को निलाम किया जाता है। माना जाता है कि शनि अमावस्या दे दिन श्रद्धालु शिव रूप में शनिदेव को तेल चढ़ाकर प्रसन्न करते हैं। कहा जाता है कि जो भी यहां सच्चे मन से शनिदेव को प्रसन्न करता है उसे शनिदेव कभी दुख नहीं देते हैं, सारे कष्ट दूर कर देते हैं और साथ ही भगवान शंकर का आशीर्वाद भी उन्हें प्राप्त होता है।

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