Edited By Prachi Sharma,Updated: 04 Oct, 2025 07:00 AM

Sheetla Devi Temple: उत्तराखंड की प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ गहरी धार्मिक आस्था के लिए भी जानी जाती है। यहां की झीलों और पहाड़ों के बीच कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है शीतला देवी मंदिर, जो...
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Sheetla Devi Temple: उत्तराखंड की प्रसिद्ध सरोवर नगरी नैनीताल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ गहरी धार्मिक आस्था के लिए भी जानी जाती है। यहां की झीलों और पहाड़ों के बीच कई प्राचीन और चमत्कारी मंदिर हैं। इन्हीं में से एक है शीतला देवी मंदिर, जो नैनीताल शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर, प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर के ठीक पीछे स्थित है। यह मंदिर स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं के लिए गहरी आस्था का केंद्र है।
चमत्कारी शीतला देवी मंदिर की कहानी
स्वप्न में मिले आदेश से हुई स्थापना
मंदिर के वर्तमान प्रधान पुजारी नंदाबल्लभ भट्ट, बताते हैं कि इस मंदिर की स्थापना उनके पिताजी ने की थी। पौराणिक मान्यता के अनुसार, उनके पिताजी को स्वयं मां शीतला देवी ने स्वप्न में दर्शन दिए और इसी स्थान पर एक मंदिर स्थापित करने का आदेश दिया। इस दिव्य आदेश के बाद, मंदिर का निर्माण कराया गया और यह स्थान देखते ही देखते भक्तों के विश्वास का केंद्र बन गया।
चेचक और प्लेग से मुक्ति का चमत्कार
मंदिर की स्थापना ऐसे समय में हुई थी जब उस दौर की चेचक और प्लेग जैसी जानलेवा बीमारियां तेजी से फैल रही थीं। शहर के बड़े-बड़े अस्पताल भी इन बीमारियों का इलाज करने में असमर्थ थे।
मंदिर की स्थापना के बाद मरीज और उनके परिजन उपचार के लिए यहाँ आने लगे। भक्तों की अटूट आस्था के कारण, कई लोगों ने मात्र 20 दिनों के भीतर ही इन लाइलाज बीमारियों से पूरी तरह स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। इसी कारण यह मंदिर पूरे क्षेत्र में चमत्कारी शक्ति के लिए प्रसिद्ध हो गया।
हनुमानगढ़ी से भी प्राचीन है यह स्थान
पुजारी के अनुसार, यह शीतला देवी मंदिर वास्तव में हनुमानगढ़ी मंदिर से भी पहले स्थापित हो चुका था। पहले यह स्थान एक उडियार (गुफा जैसा स्थान) था, जहां मां शीतला देवी की एक पत्थर की मूर्ति पहले से ही विराजमान थी। बाद में पिताजी को मिले स्वप्न आदेश के बाद इस स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया।