Edited By ,Updated: 05 Nov, 2016 03:25 PM
भगवान शिव जिस पर कृपा करते हैं उनका उद्धार हो जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत से मंत्रों की रचना प्राप्त होती है। इन
भगवान शिव जिस पर कृपा करते हैं उनका उद्धार हो जाता है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए बहुत से मंत्रों की रचना प्राप्त होती है। इन सभी के मध्य में भगवान शिव का इस मंत्र से जाप करने से वह शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं तथा उनका आशिर्वाद एवं सानिध्य प्राप्त होता है।
जीवन में कभी भी किसी भी मुश्किल घड़ी में भगवान शिव के निम्न मंत्र का रुद्राक्ष की माला से एक लाख जप करना चाहिए। जप पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके करें। यह बड़ी से बड़ी समस्या और विघ्न को टाल देता है।
'ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ'
पुराणों में शिव महिमा उजागर करती है कि काल पर शिव का नियंत्रण है इसलिए शिव महाकाल भी पुकारे जाते हैं। ऐसे शिव स्वरूप में लीन रहकर ही काल पर विजय पाना भी संभव है। सांसारिक जीवन के नजरिए से शिव व काल के संबंधों में छिपा संकेत यही है कि काल यानी वक्त की कद्र करते हुए उसके साथ बेहतर तालमेल व गठजोड़ ही जीवन व मृत्यु दोनों ही स्थिति में सुखद है। इसके लिए शिव भाव में रम जाना ही अहम है।
भगवान शिव को वेद या ज्ञान स्वरूप माना गया है इसलिए शिव भक्ति मन की चंचलता को रोक व्यक्ति को दु:ख व दुर्गति से बचाने वाली मानी जाती है। भगवान शिव की प्रसन्नता के लिए ही धर्म व लोक परंपराओं में अभिषेक, पूजा व मंत्र जप आदि किए जाते हैं।
पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत शिव सन्निधौ| शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
अर्थात जो कोई भगवान शिव के इस पंचाक्षर मंत्र का नित्य ध्यान करता है वह शिव के पुण्य लोक को प्राप्त करता है तथा शिव के साथ सुखपूर्वक निवास करता है।