15 june to 15 September: सिल्वर में तेजी की Picture अभी बाकि है

Edited By Updated: 12 Jun, 2025 07:03 AM

चांदी में साइकिल जो है वो शुरू होने वाला है क्योंकि फंडामेंटल्स और टेक्निकल्स अपनी-अपनी जगह है। सबको लग रहा था कि बाजार में चांदी में तेजी आनी चाहिए। लेकिन एस्ट्रो साइकिल भी यह बोल रहा था कि चांदी तेज होने वाली है क्योंकि शुक्र जब फंस गए थे 28 जनवरी...

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चांदी में साइकिल जो है वो शुरू होने वाला है क्योंकि फंडामेंटल्स और टेक्निकल्स अपनी-अपनी जगह है। सबको लग रहा था कि बाजार में चांदी में तेजी आनी चाहिए। लेकिन एस्ट्रो साइकिल भी यह बोल रहा था कि चांदी तेज होने वाली है क्योंकि शुक्र जब फंस गए थे 28 जनवरी को वहां से निकल नहीं रहे थे। कभी राहु शनि के साथ और कभी सूर्य के साथ हैं और साथ ही साथ   वक्री हो रहे हैं, मार्गी हो रहे हैं, कभी अस्त हो रहे हैं, कभी उदय हो रहे हैं। जिस तरीके से परफॉर्म करना चाहिए था चांदी को वो नहीं कर पा रही थी। 30 जून, 28 जनवरी से लेकर 31 मई तक चांदी ने लगभग 10% के आसपास का रिटर्न दिया। यदि हम इसको गोल्ड से कंपेयर करते हैं, तो गोल्ड का जो रिटर्न था इसके मुकाबले में काफी अच्छा था। एस्ट्रो साइकिल में जैसे ही शुक्र आगे मूव करेंगे यहां पर चांदी का रिटर्न आपको बहुत बेटर होता हुआ नजर आएगा। एस्ट्रोलॉजिकलीके अनुसार, चांदी चलती है तीन चीजों से सबसे पहले तो शुक्र, मून और कर्क राशि से चांदी चलती है। यदि यह तीनों चीजें होंगे तो मान लीजिए कर्क राशि के शुभ प्रभाव में आ जाएगी। आपके चंद्रमा शुभ प्रभाव में आ जाए या चंद्रमा गोचर में भी शुभ प्रभाव में आ जाए तो वहां पर चांदी में आपको तेजी देखने को मिलती है। शुभ नक्षत्र में आ जाए, मित्र के नक्षत्र में आ जाए, मित्र की राशि में आ जाए, मित्र के साथ आ जाए। वहां पर चीजें जो आगे बढ़ती हुई नजर आती हैं। यह हिस्टोरिकल ट्रेंड रहा है और शुक्र का तो यह हिस्टोरिकल ट्रेंड है।

जब मेष में वृषभ में और मिथुन में आते हैं और कर्क में भी आते हैं तो चांदी में अच्छे रिटर्न देखने को मिलते हैं। यदि हम इसके हिस्टोरिकल रिटर्न की बात करते हैं तो चांदी ने दो बार फिनोमिनल रिटर्न दिया है। एक 1979 में जब गुरु कर्क राशि में थे अगेन कर्क राशि जो जल तत्व की राशि और चांदी का कारक है क्योंकि गुरु राशि के ऊपर थे, तो चांदी का रिटर्न 434% था। यह उस साल का जबरदस्त रिटर्न था। उस समय 45 साल बाद उस चीज को एनालाइज कर रहे हैं। उसके बाद फिर ऐसा फेस आया आपका 2010-11 में उस समय गुरु आपके मीन राशि में थे। मीन राशि भी जल तत्व की राशि और कर्क राशि भी जल तत्व की राशि है। यहां पर बहुत फिनोमिनल ग्रोथ देखने को मिला था। चांदी का मूवमेंट मंथली मूवमेंट रहता है। वह शुक्र की पोजीशन पर डिपेंड करता है। शुक्र बुध की युति हो जाए, शुक्र गुरु की युति हो जाए, किसी भी तरीके से शुक्र चंद्रमा साथ में आ जाए चंद्रमा तो खैर 54 आवर ही रहेगा। साथ में शुक्र चंद्रमा आमने-सामने हो जाए, तो ये चीजें आपको चांदी में है। तो यह आपको रिटर्न जो है वो ज्यादा दे जाती हैं।

28 जनवरी को शुक्र उच्च होकर जल तत्व की राशि में भी आ गए। लेकिन वहां पर शनि राहु का कंजक्शन पहले था। सूर्य यहां पर आए शुक्र अस्त हुए और उदय हुए। उस तरीके से परफॉर्म नहीं कर पाए। वहां पर शुक्र जिस तरीके से उसको करना चाहिए था। जैसे ही शुक्र ने राशि बदली 1 जून के बाद  चांदी की दौड़ कैसे लग रही है और यह दौड़ अभी शुरू हुई है। यह अभी अगले 90 दिन यह दौड़ चलेगी। इसका रीज़न यह है कि शुक्र फिलहाल बहुत अच्छी स्थिति में नहीं है। अभी भी चांदी जो है वह 10% दौड़ चुकी है। लेकिन शुक्र की यदि हम पोजीशन देखते हैं, तो मेष राशि में शुक्र का गोचर हो रहा है। दो राशि पर आज की डेट में सूर्य है और 12 पर शनि है। यह अगेन पाप करतरी वाली स्थिति है।  यहां पर केतु पांच राशि पे बैठ के शुक्र को देख रहा है फिलहाल शुक्र पूरी तरीके से परफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन सूर्य 15 जून को जैसे ही आगे निकलेंगे शुक्र इंडिपेंडेंट हो जाएंगे। एक ग्रह तो किसी   भी भाव पर किसी न किसी तरीके से पाप ग्रह को देख ही लेते हैं। शनि की दृष्टि 3, 7, 10 है।  मंगल की 4, 7, आठ है। ये तीन दृष्टियां छह हो गई। राहु की 5, 7, 9 है। केतु की 5, 7, 9 है तो टोटल 12 दृष्टियां नेगेटिव होती हैं।  कहीं न कहीं से किसी न किसी ग्रह को एक पाप ग्रह देख ही लेता है। लेकिन शुक्र का मेष में आना शुक्र सूर्य का आगे निकल जाना शुक्र को थोड़ी सी ज्यादा ताकत देगा। शुक्र ज्यादा परफॉर्म कर पाएंगे तो यहां पर चीजें जो है 29 जून तक शुक्र यहीं पर रहेंगे। उसके बाद शुक्र चले जाएंगे। वृषभ राशि में शुक्र वृषभ राशि में जाएंगे और सूर्य आगे निकल जाएंगे। यहां पर वृषभ राशि क्योंकि शुक्र की अपनी राशि है इसलिए भी यहां पर परफॉर्मेंस थोड़ी सी बेटर हो जाएगी। जुलाई में शुक्र गुरु के ऊपर से हो जाएंगे। गुरु और शुक्र की युति दोनों ही शुभ ग्रहों की युति यहां पर और तेजी लेके आ सकती है।

बुध की राशि है यह मिथुन राशि यहां पर ट्रेड के कारक हैं। यहां पर आपको बाजार भी तेजी नजर आएगी। जुलाई में और इसके अलावा आपको चांदी भी तेज नजर आएगी। इसके बाद शुक्र जाएंगे अगस्त में कर्क राशि में। वह जल तत्व की राशि है चांदी के कारक ग्रह चंद्रमा की राशि है, तो वहां पर शुक्र का गोचर जो है वह चांदी में तेजी ला सकता है। यहां पर लगभग 15 सितंबर तक का समय जब तक शुक्र केतु के ऊपर से सिंह राशि में नहीं आते। सिंह राशि सूर्य की राशि है। यह उसके मित्र की राशि नहीं है तब तक यह हो सकता है कि चांदी थोड़ा सा ग्रोथ अच्छा देगा।  यदि हम चांदी और सोने का रिटर्न की बात करें पिछले 3 साल के तो सीएजीआर यानी कि कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेशियो जिसको बोलते हैं हम इकोनॉमिक्स टर्म में या फाइनेंसियल टर्म्स में। वो लगभग सोने का अब तक का 22% रहा है पिछले तीन साल का चांदी लगभग 15% यानी कि लगभग 7% का फर्क है और यदि हम गोल्ड सिल्वर रेशो की बात करें तो एक समय पर गोल्ड सिल्वर रेशो हुआ करती थी 1 ग्राम सोने के बराबर 50 ग्राम चांदी। आज की डेट में गोल्ड सिल्वर रेशो है 1 ग्राम सोने के पीछे 100 ग्राम के आसपास यानी कि 95 से लेकर 100 ग्राम के आसपास की चांदी है तो गोल्ड सिल्वर रेशो लगभग डबल हो चुकी है। हिस्टोरिकल रेशियो की यदि हम बात करते हैं उसको कंपैरिजन करते हैं रिटर्न के रेशो में 7% का फर्क आ चुका है यहां पर टेक्निकली चांदी वैसे भी भागने वाली है। लेकिन कि एस्ट्रो साइकिल इसको सपोर्ट कर रहा है तो यहां पर चांदी के निवेशकों के लिए यह ज्यादा अच्छा मौका है। 

नरेश कुमार
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