Edited By Prachi Sharma,Updated: 05 Nov, 2025 06:00 AM

Utpanna Ekadashi 2025: हिन्दू धर्म में, एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और उत्पन्ना एकादशी को सभी एकादशी की जननी यानी उत्पत्ति माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर स्वयं देवी एकादशी का जन्म हुआ था, जिन्होंने भगवान विष्णु की शक्ति के...
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Utpanna Ekadashi 2025: हिन्दू धर्म में, एकादशी व्रत का विशेष महत्व है और उत्पन्ना एकादशी को सभी एकादशी की जननी यानी उत्पत्ति माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर स्वयं देवी एकादशी का जन्म हुआ था, जिन्होंने भगवान विष्णु की शक्ति के रूप में प्रकट होकर मुर नामक राक्षस का वध किया था। इस दिन यदि कोई व्यक्ति व्रत रखता है तो उसे अश्वमेध यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है। जीवन की परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए भी यह व्रत बेहद ही खास माना जाता है। यदि आप भी अपने जीवन में अनचाही समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं तो यह व्रत अवश्य रखना चाहिए। तो चलिए ज्यादा देर न करते हुए जानते हैं कि यह व्रत कब रखा जाएगा।
Utpanna Ekadashi date उत्पन्ना एकादशी तिथि
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर वर्ष उत्पन्ना एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है।
एकादशी तिथि प्रारम्भ- 15 नवम्बर 2025 को रात 12 बजकर 49 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त- 16 नवम्बर 2025 को रात 02 बजकर 37 मिनट पर
उदया तिथि के अनुसार 15 नवम्बर को यह व्रत रखा जाएगा।

Utpanna Ekadashi Pooja Vidhi उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि
कोई भी व्रत बिना पूजा के अधूरा माना जाता है। ऐसे में इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठे और स्नान करें। इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने बैठ जाएं। इसके बाद श्री हरि को पीले रंग के वस्त्र, तुलसी, और पीले रंग के ही फूल अर्पित करें। पीला रंग इसलिए क्योंकि जगत के पालनहार को यह रंग बहुत प्रिय है।
इसके बाद भगवान को पंचामृत के साथ स्नान कराएं और साथ में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते जाएं। इसके बाद व्रत की कथा पढ़ें या सुनें। व्रत कथा के दिन व्रत मान्य नहीं होता है। हो सकते तो इस दिन पूरी रात जागकर भगवान की नाम और लीला का स्मरण करें।
Significance of Utpanna Ekadashi उत्पन्ना एकादशी का महत्व
इस एकादशी का महत्व इसलिए ज्यादा है क्योंकि इस दिन देवी एकादशी का जन्म हुआ था। सच्चा मन से रखा गया ये व्रत पुराने जन्म के पाप नष्ट कर देता है। यदि कोई व्यक्ति एकादशी व्रत की शुरुआत करना चाहते है तो यह दिन उसके लिए सबसे ज्यादा उत्तम है।
