Edited By Sarita Thapa,Updated: 06 Nov, 2025 02:26 PM

शादी के समारोह में वरमाला का आदान-प्रदान सबसे दिलचस्प और प्रतीकात्मक रिवाजों में से एक माना जाता है। यह सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि दो लोगों के बीच संबंध, प्यार और आपसी सम्मान का प्रतीक भी है।
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Varmala Rituals: शादी के समारोह में वरमाला का आदान-प्रदान सबसे दिलचस्प और प्रतीकात्मक रिवाजों में से एक माना जाता है। यह सिर्फ एक रस्म नहीं है, बल्कि दो लोगों के बीच संबंध, प्यार और आपसी सम्मान का प्रतीक भी है। अक्सर लोग यह जानने में उत्सुक होते हैं कि शादी में सबसे पहले माला पहनने का कौन सा अर्थ है और इसके पीछे कौन सा संदेश छुपा है। इस रस्म में हर कदम का एक गहरा सांस्कृतिक और भावनात्मक महत्व होता है, जो जीवन भर की साझेदारी की शुरुआत को दर्शाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कौन सबसे पहले माला पहनता है और इसका क्या मतलब होता है? तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार में-
शादी में सबसे पहले वरमाला कौन पहनाता है?
रिवाज के अनुसार, अक्सर दूल्हा सबसे पहले दुल्हन को माला पहनाता है। लेकिन कुछ क्षेत्रों और संस्कृतियों में दुल्हन पहले दूल्हा को माला पहनाती है। यह केवल परंपरा नहीं बल्कि छुपे हुए संदेश और भावनाओं को भी दर्शाता है।
पहले माला पहनाने का अर्थ
सवीकार और सम्मान
जो भी पहले माला पहनाता है, वह अपने साथी को सम्मान और अपनापन देने का संकेत देता है।
प्यार और प्रतिबद्धता
माला पहनाने वाला यह जताता है कि वह साथी के प्रति अपनी भावनाओं और जीवनसाथी बनने की प्रतिबद्धता को स्वीकार करता है।

संबंध की दिशा
कुछ मान्यताओं में कहा जाता है कि पहले माला पहनाने वाला व्यक्ति रिश्ता बनाने में थोड़ा अग्रणी भूमिका निभाता है, यानी वह पहल करता है।
पहले वरमाला पहनाने के पीछे छुपा संदेश
वरमाला की यह सरल रस्म संदेश देती है कि शादी केवल एक रस्म नहीं बल्कि दो लोगों के बीच विश्वास, प्यार और सहयोग का प्रतीक है। यह दिखाता है कि जीवन के हर सुख-दुख में दोनों एक-दूसरे का साथ देंगे।
