Edited By Prachi Sharma,Updated: 09 Jun, 2025 07:01 AM

Vastu Tips:भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। यह प्राचीन शास्त्र हमें यह सिखाता है कि हमारे रहने, काम करने और निर्माण करने के स्थानों का संरचना और दिशा के अनुसार हमारी ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि पर कैसा प्रभाव पड़ता है।
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Vastu Tips:भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। यह प्राचीन शास्त्र हमें यह सिखाता है कि हमारे रहने, काम करने और निर्माण करने के स्थानों का संरचना और दिशा के अनुसार हमारी ऊर्जा, स्वास्थ्य और समृद्धि पर कैसा प्रभाव पड़ता है। इसी संदर्भ में एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण प्रश्न लोगों के मन में अक्सर उठता है- क्या घर की छत पर टॉयलेट बनाना शुभ है या अशुभ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार छत पर टॉयलेट बनाना कैसा है ?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का प्रत्येक हिस्सा एक विशेष ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ा होता है और उसकी दिशा, ऊंचाई व उपयोग उस ऊर्जा को प्रभावित करती है। छत को वास्तु में एक ऊर्जा संचायक क्षेत्र माना गया है। छतें घर की ऊपरी ऊर्जा परतों को नियंत्रित करती हैं। वास्तु के अनुसार, टॉयलेट यानी मल-मूत्र त्याग का स्थान नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा होता है। ऐसे में छत पर टॉयलेट बनाना ऊपरी ऊर्जा क्षेत्र को दूषित करने का कारण बनता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर घर की छत पर टॉयलेट बनाया जाए, तो यह कई तरह की नकारात्मकताओं को जन्म दे सकता है। छत घर की ऊपरी ऊर्जा का केंद्र होती है और जब इस स्थान पर शौचालय बना होता है, तो वहां से निकलने वाली तामसिक ऊर्जा पूरे घर में फैल सकती है। इसका असर घर के लोगों के मन और व्यवहार पर पड़ता है जिससे वे अनजाने में तनाव, बेचैनी और चिड़चिड़ेपन का शिकार हो सकते हैं। ऐसे निर्माण से घर का वातावरण भारी और अशांत हो जाता है। खासकर अगर टॉयलेट के ठीक नीचे या पास में रसोईघर या पूजा स्थल हो, तो सकारात्मक ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है। यह टकराव घर की सुख-शांति, रिश्तों और समृद्धि को भी प्रभावित कर सकता है। इस कारण वास्तु शास्त्र छत पर टॉयलेट बनाने से परहेज़ करने की सलाह देता है।

वास्तु के अनुसार अशुभ प्रभाव-
घर के सदस्यों में मानसिक तनाव व बेचैनी बनी रहती है।
बच्चों की पढ़ाई और एकाग्रता पर असर पड़ता है।
व्यवसाय या नौकरी में रुकावटें आती हैं।
पारिवारिक कलह व रिश्तों में कटुता बढ़ती है।
स्वास्थ्य समस्याएं, खासकर सिरदर्द, नींद में कमी, और मानसिक बीमारी।
