Interview: सलाम वेंकी के प्रमोशन के लिए दिल्ली पहुंचीं काजोल और डायरेक्टर रेवती से खास बातचीत

Updated: 12 Dec, 2022 03:02 PM

conversation with kajol and director revathi for the promotion of salaam venky

काजोल देवगन की बहुचर्चित फिल्म 'सलाम वैंकी' 9 दिसंबर को सिनेमाघरों में उतर चुकी है। इस फिल्म में काजोल की एक्टिंग आपकी आंखों को नम कर देंगी।

काजोल देवगन की बहुचर्चित फिल्म 'सलाम वैंकी' 9 दिसंबर को सिनेमाघरों में उतर चुकी है। इस फिल्म में काजोल की एक्टिंग आपकी आंखों को नम कर देंगी। वह इस फिल्म में एक मां के किरदार में है, जिसका बेटा उसकी नजरों के सामने जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहा होता है। यह फिल्म एक रीयल लाइफ स्टोरी पर बेस्ड है। इस फिल्म के जरिए रेवती ने बतौर डायरेक्टर डेब्यू किया है। 'सलाम वैंकी' में काजोल, विशाल जेठवा, राहुल बोस, राजीव खंडेलवाल, अहाना कुमरा और प्रकाश राज आदि मुख्य किरदार में है, जिन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों के दिलों को जीत लिया। फिल्म के बारे में काजोल और रेवती ने पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/जगबाणी/हिंद समाचार से खास बातचीत की।

काजोल (Kajol)

Q. आपको 30 साल हो गए हैं बॉलीवुड में डेब्यू किए, आज भी आप उतनी ही टैलेंटेड, सुंदर और गार्जियस लग रहीं हैं इसकी क्या वजह है?
A. टैलेंट के लिए तो मैं अपनी मां को रोज थैंक्स करती हूं। इसका सीक्रेट यह है कि अभी भी मैं अपने काम को बेहद उत्साहित होकर पूरी रुचि के साथ करती हूं। मैं अपनी फिल्म की कहानी भी बहुत सोच-समझ कर सिलैक्ट करती हूं। उसमें पूरा जी जान लगाकर काम करती हूं। लेकिन जब काम नहीं करना होता है तो नहीं भी करती हूं और मेरे मायने में सुंदर वह लोग हैं जो अपनी लाइफ को खुलकर जीते हैं, खूब हंसते और दूसरे को हंसाते हैं।  

Q. सलाम वैंकी में रेवती जी के लिए क्या चाहेंगी?
A. रेवती जी ने इस फिल्म को बेहद शानदार तरीके से बैलेंस किया है, क्योंकि इसमें इमोशंस, ड्रामा और एंटरटेनमैंट सभी कुछ है। उन्होंने इसे म्यूजिक, कैरेक्टर, ह्यूमर और विजुअल के साथ दर्शकों के समक्ष असली रूप में पेश किया है। रेवती जी ने अपना काम बहुत ही शानदार तरीके से पूरा किया है। जिसे लोग पसंद करने वाले है। फिल्म में हर कैरेक्टर की शुरुआत, मिडिल और एंड है चाहे वो मेरा रोल हो या वैंकी का और सबसे बड़ी बात यह कि यह फिल्म सच्ची कहानी पर है। जो भी फिल्म में दिखाया है वह सच में लोगों के साथ हुआ है, हां कुछ चीजें हमने सिनेमा के लिहाज से जोड़ी हैं।

Q. इस फिल्म में आपने सुजाता का किरदार निभाया है जो रियल लाइफ में भी है, तो यह रोल आपके लिए बाकी फिल्मी किरदारों से कितना अलग है?
A. यह पहली बार है जब मैंने एक रियल लाइफ कैरेक्टर प्ले किया है। जब मैंने शूटिंग शुरू कर दी, उसके बहुत समय बाद मैं सुजाता से मिली। मुझपर एक जिम्मेदारी थी कि मुझे सुजाता को पर्दे पर वैसा ही दिखाना था, जैसी वो असल में है, उन्हें ऐसा नहीं लगना चाहिए कि मैंने उन्हें चीट किया है, इसलिए मैंने इस कैरेक्टर को जिया है जैसे सुजाता जीती आईं हैं। कभी-कभी साधारण से लोग भी इतने बहादुर होते कि दूसरों को प्रेरणा दे जाते हैं। मेरा मानना है जब किरदार बड़ा होता है तो उसे आसानी से निभाया जा सकता है, लेकिन जब आपको एक सिंपलीसिटी और अंदर की स्ट्रेंथ दिखानी होती है, तो मेरे लिए वो सबसे मुश्किल पार्ट रहा था और रेवती से मिलने के बाद मुझे ज्यादा टेंशन हो गई कि जब ये फिल्म देखें तो निराश न हों।    

Q. विशाल जेठवा के लिए आप काजोल मैम से काजोल मॉम रहीं तो उनके लिए आप क्या चाहेंगी?
A. काजोल मुस्कुराते हुए कहती हैं कि विशाल तो यहां नहीं है लेकिन उसका इस बारे में जो कहना है वो मैं बता सकती हूं। उसके लिए मैं ज्यादातर मैम ही रही हूं और मॉम टेक के बीच में थी। एक्शन के बीच में वो ठीक रहता था लेकिन जैसे ही कट होता था वह फिर मैम पर आ जाता था तो यही उसकी पूरी जर्नी रही मैम से मॉम तक की।

Revathi (रेवती)

Q. जब आपको यह फिल्म ऑफर हुई तो आपका क्या रिएक्शन था?
A. मेरा यह मानना है कि यह जिंदगी सभी को देखनी चाहिए, क्योंकि असलियत में जिसने यह जिंदगी जी है वो अपने दिल से जी है, इसलिए मेरा यह मानना था कि यह कहानी सभी को देखनी चाहिए। डी.एम.डी. (Duchenne Muscular Dystrophy) एक ऐसी बीमारी है जिसमें दिनों-दिन मरीज की हालत खराब होती जाती है। यह स्थिति परिवार के लिए बेहद मुश्किलों से भरी हुई होती है। इस परेशानी से केवल मरीज ही नहीं पूरी फैमिली गुजरती है। यह फिल्म उन लोगों को ध्यान में रखकर बनाई गई जो ऐसी ही खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं उन्हें यह नहीं मानना चाहिए कि बस यहीं लाइफ खत्म हो गई, जिंदगी बहुत खूबसूरत है तो इसका हर पल पूरी खुशी के साथ जीना चाहिए, लोगों को यह दिखाना ही फिल्म का मुख्य उद्देश्य है। उन्हें किसी से छुपने की कोई जरूरत नहीं है, वो जैसे है खुलकर अपनी लाइफ इंजॉय कर सकते है।  

Q. इस फिल्म में जैसे वैंकी को दिखाया गया है क्या वैंकी ऐसा ही था या थोड़ा अलग?
A. हां वैंकी को सच में ये डॉयलॉग काफी पसंद था कि 'जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिएÓ। उसकी मां उसे सिनेमा दिखाने के लिए व्हील चेयर पर लेकर जाती थी और मेरा मानना है कि बंद दरवाजे के पीछे बैठने की जरूरत नहीं है। हमें उन्हें स्वीकार करने की जरूरत है, जैसे वो रियली में है। एंटरटेनमैंट हर किसी की लाइफ का बहुत बड़ा हिस्सा होता है चाहें आप में कोई भी कमी हो।

Q. आपके लिए फिल्म में सुजाता के किरदार डायरेक्ट करना, कितना मुश्किल रहा?
A. सुजाता और वैंकी की सिस्टर दोनों ने फिल्म देखी और उन्हें पसंद आई। मैंने उन्हें कहा था कि मैं तुम्हें हू-ब-हू पर्दे पर नहीं उतार रही हूं, मैं सिर्फ तुम्हारी कहानी ले रही हूं। जिसके लिए मैं नर्वस भी थी, क्योंकि मैंने थोड़ी चीचें ड्रामाटाइज की है, जैसे फादर का किरदार, उसके लिए आप मुझे माफ कर दीजिए अगर हमने कुछ गलत कहा या किया हो लेकिन जब उन्होंने फिल्म देखी तो उन्होंने अपनी ओवरऑल जर्नी को रिकोर्गेनाइज किया।

Q. फिल्म के लिए आपकी फस्र्ट च्वाइस काजोल ही थी या कोई और?
A. इस फिल्म के लिए काजोल ही मेरी फस्र्ट च्वाइस थीं, क्योंकि वो जो भी करतीं हैं अपनी पूरी मेहनत और लगन से करती हैं तो उनके अलावा मैंने किसी और के बारे सोचा ही नहीं।  

कुछ वन वर्ड क्वेश्चन के काजोल और रेवती ने दिए मजेदार जवाब

काजोल (kajol) 
Q. आप एक फ्रैंडली मॉम हैं या स्ट्रिक्ट मॉम?
A. बोथ
Q. आपने कभी बच्चों के स्कूल प्रोजैक्ट्स का होम वर्क किया है?

A. हां
Q. सलाम वैंकी के लिए एक शब्द में क्या चाहेंगी ?
A. होपफुल, ऑप्टिमिस्टिक

(रेवती)
Q. आपका काजोल के साथ काम करने का क्या एक्सपीरियंस रहा?
A. इस सवाल पर रेवती और काजोल हंसते हुए कहती हैं कि इसे बताने के लिए पूरा पैराग्राफ चाहिए।
Q. आपको किस तरह का फिल्में देखना पसंद है?
A. मुझे हर तरह का सिनेमा देखना पसंद है।

  • Edited By- Jyotsna Rawat

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