Review: जान्हवी और सिद्धार्थ की रोमांटिक केमिस्ट्री संग ह्यूमर का मेल है फिल्म परम सुंदरी, पढ़ें रिव्यू

Updated: 29 Aug, 2025 03:21 PM

param sundari review in hindi

यहां पढ़ें कैसी है फिल्म परमसुंदरी...

फिल्म: परमसुंदरी (param sundari)
डायरेक्टर: तुषार जलोटा (Tushar Jalota)
कास्ट: सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra), जान्हवी कपूर (Janhvi Kapoor), रेंजी पाणिकर (Renji Panikar), मनजोत सिंह (Siddharth Shankar), संजय कपूर (Sanjay Kapoor)
रेटिंग:3.5*

परमसुंदरी: प्यार वो जादू है जो किसी स्क्रीन, डेटा या ऐप के कैलकुलेशन से नहीं, बल्कि दिल की धड़कनों से जन्म लेता है। रिश्तों की गहराई और सच्चाई को तकनीक से मापना आसान नहीं और यही खूबसूरत बात हमें याद दिलाती है डायरेक्टर तुषार जलोटा की फिल्म परम सुंदरी। यह सिर्फ एक रोमांटिक कॉमेडी नहीं, बल्कि एक ऐसी कहानी है जो हंसी, मासूमियत और भावनाओं को एक साथ बुनती है। आइए जानते हैं कैसी है सिद्धार्थ मल्होत्रा और जान्हवी कपूर की फिल्म परम सुंदरी। 

कहानी
फिल्म की कहानी में परम (सिद्धार्थ मल्होत्रा) दिल्ली का हैंडसम लेकिन थोड़ा बिगड़ा हुआ बिज़नेसमैन है। उसे स्टार्टअप्स का जुनून है पर हर बार उसके आइडिया धड़ाम होकर गिर जाते हैं। अब हाल ये है कि उसके पापा (संजय कपूर) साफ कह देते हैं पैसा तभी मिलेगा जब पहले खुद साबित करेगा कि तेरा प्लान वाकई काम करता है। इसी बीच परम को एक यूनिक आइडिया पकड़ में आता है, एक ऐसा ऐप जो किसी का सोलमेट ढूंढकर दे। कॉन्सेप्ट सुनने में तो बढ़िया है, पर सबसे पहले खुद इसे आज़माना होगा। ऐप की मैचिंग उसे सीधा ले जाती है केरल के एक खूबसूरत गांव तक, जहां रहती है सुंदरी (जान्हवी कपूर)। सुंदरी से मिलकर परम की लाइफ में आते हैं खूब हंगामे। इन्हें जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।

अभिनय
सिद्धार्थ मल्होत्रा ने परम का रोल बखूबी निभाया है। उनका चार्म, कॉमिक टाइमिंग और इमोशन सबकुछ बैलेंस्ड और दिल को छू लेने वाला है। लेकिन असली चमक लाती हैं जाह्नवी कपूर। सुंदरी के किरदार में उन्होंने इतनी नैचुरल परफॉर्मेंस दी है कि वह सिर्फ रोल निभाती नजर नहीं आती, बल्कि जीती हुई लगती हैं। यही वजह है कि यह उनके करियर का अब तक का सबसे बेहतरीन काम कहा जा सकता है। संजय कपूर तो जैसे फिल्म में तड़का हैं। जब भी कहानी सीरियस होती है, उनकी कॉमिक टाइमिंग और वो नेचुरल चार्म तुरंत हंसी निकाल देते हैं। उनके वन-लाइनर्स तो अलग ही मजा देते हैं। मंजीत सिंह भी अपनी कॉमिक स्टाइल से खूब हंसाते हैं, इनायत वर्मा छोटी होते हुए भी हर सीन में छा जाती हैं। वहीं रेंजी पैनिकर और सिदार्थ शंकर सुंदरी की कहानी में भरोसा और गहराई जोड़ते हैं। सच कहें तो सपोर्टिंग कास्ट फिल्म की असली ताकत है।

म्यूजिक
म्यूजिक इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है। छह गानों में हर एक का अलग फ्लेवर है। परदेसीया सुनकर मस्ती करने का मन करता है, भीगी साड़ी रोमांटिक मूड बना देती है, वहीं डेंजर थ्रिल का तड़का लगाता है। और जब सुन मेरे यार वे या चाँद कागज़ का बजते हैं तो दिल एकदम जैसे पिघल सा जाता है।

निर्देशन
तुषार जलोटा ने फिल्म का अच्छा निर्देशन किया है। फिल्म में ह्यूमर, लव स्टोरी और रोमांस का परफेक्ट बैलेंस है। फिल्म हंसी-मज़ाक, इमोशन और ढेर सारे प्यारे पलों से सजी है और दर्शकों को हंसाएगी भी और प्यार एहसास भी कराएगी।फिल्म के विजुअल्स काफी खूबसूरत हैं। दिल्ली की रौनक से लेकर केरल की हरियाली तक हर सीन देखने में शानदार लगता है। इसके अलावा परम का मॉडर्न और स्मार्ट लुक उसकी पर्सनैलिटी को सूट करता है वहीं सुंदरी की सादगी भरी साड़ियां उसके किरदार को और असली बना देती हैं।

 

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