महिला सशक्तिकरण की बुलंद आवाज़ बनीं रानी मुखर्जी, मिला खास सम्मान

Edited By Updated: 18 Dec, 2025 12:03 PM

rani mukerji became a strong voice for women empowerment received a special hon

इस क्रिसमस, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने भामला फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत की बेटियों को सशक्त और शिक्षित करने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान ‘सुपरगर्ल्स ऑफ टुमॉरो’ की शुरुआत की है।

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। इस क्रिसमस, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने भामला फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत की बेटियों को सशक्त और शिक्षित करने के उद्देश्य से एक विशेष अभियान ‘सुपरगर्ल्स ऑफ टुमॉरो’ की शुरुआत की है। इस पहल का नेतृत्व भामला फाउंडेशन के संस्थापक आसिफ भामला कर रहे हैं। इस अभियान के तहत भामला फाउंडेशन ने अभिनेत्री रानी मुखर्जी को सिनेमा के माध्यम से महिला सशक्तिकरण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए ‘एक्सीलेंस इन वूमन एम्पावरमेंट थ्रू सिनेमा अवॉर्ड’ से सम्मानित किया।

30 वर्षों के शानदार सफर का जश्न मना रहीं रानी मुखर्जी
भारतीय फिल्म उद्योग में अपने 30 वर्षों के शानदार सफर का जश्न मना रहीं रानी मुखर्जी न केवल सिनेमा की एक आइकॉन हैं, बल्कि एक ऐसी ट्रेलब्लेज़र भी हैं, जिनके काम ने लगातार रूढ़ियों और सीमाओं को तोड़ा है। अपने सशक्त, आत्मनिर्भर और प्रेरणादायक किरदारों के ज़रिए उन्होंने हमेशा महिलाओं की गरिमा, समानता और सम्मान का पक्ष लिया है। मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे  में उनके दमदार अभिनय को इस वर्ष राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिसने भारतीय सिनेमा की महानतम अभिनेत्रियों में उनके स्थान को और मजबूत किया।

आधुनिक भारतीय महिला की पहचान मानी जाने वाली रानी मुखर्जी का सिनेमा ब्लैक , नो वन किल्ड जेसिका ,मर्दानी  फ्रैंचाइज़ी,युवा , बंटी और बबली ,साथिया , हम तुम , वीर -जारा , हिचकी और मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे जैसी प्रभावशाली फिल्मों तक फैला हुआ है। उनके सिनेमा ने महिलाओं को हमेशा मजबूत, स्वतंत्र और निडर रूप में प्रस्तुत किया है और भारतीय समाज में महिलाओं को देखने के नजरिए को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।

'मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं'
यह सम्मान स्वीकार करते हुए रानी मुखर्जी ने कहा,'सुपरगर्ल्स ऑफ टुमॉरो को सशक्त और शिक्षित करने के लिए समर्पित ऐसे अभियान एक अधिक समान और संवेदनशील समाज के निर्माण के लिए बेहद जरूरी हैं। मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मुझे ऐसे मजबूत और आत्मनिर्भर महिला किरदार निभाने का अवसर मिला, जो पितृसत्ता को चुनौती देते हैं, रूढ़ियों को तोड़ते हैं और दर्शकों को यह देखने के लिए प्रेरित करते हैं कि महिलाएं बदलाव की वाहक, राष्ट्र निर्माता और समाज में समान अधिकारों की हकदार हैं। मुझे गर्व है कि मैंने ऐसी निडर महिलाओं की भूमिकाएं निभाईं, जो उदाहरण पेश करती हैं और अंध रूढ़ियों  को तोड़ती हैं। सिनेमा में समाज को प्रभावित करने और उसकी सोच को बदलने की ताकत होती है, और मेरा काम हमेशा महिलाओं को सशक्त व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश करता है, जो यथास्थिति को चुनौती दे सकें। सिनेमा के ज़रिए मेरे काम को मिले इस सम्मान के लिए मैं दिल से आभारी हूं। यह मेरे लिए बेहद खास पल है। मैं आगे भी इस मिशन पर काम करती रहूंगी और दुनिया को बताती रहूंगी कि लड़कियां हमारे देश की रीढ़ हैं, हमारे सामाजिक ढांचे की बुनियाद हैं, और अब समय आ गया है कि हम हर एक बेटी का जश्न मनाएं।'

रानी मुखर्जी अगली बार मर्दानी 3 में अपनी आइकॉनिक भूमिका, निडर महिला पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय के रूप में नज़र आएंगी। यह फिल्म 27 फरवरी को रिलीज होने वाली है। मर्दानी भारत की एकमात्र हिट महिला-प्रधान फ्रैंचाइज़ी है, जिसने कंटेंट-ड्रिवेन, थ्रिलिंग और मनोरंजक अनुभव के साथ सिनेमाघरों में दर्शकों का दिल जीता है, साथ ही एक सशक्त सामाजिक संदेश भी दिया है।

 

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