Edited By Ravi Pratap Singh,Updated: 31 Oct, 2019 12:32 PM
Twitter ने राजनीतिक विज्ञापन पर रोग लगा दी है। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट की यह पॉलिसी 22 नवंबर से लागू होगी। ट्विटर के सीईओ जैक पैट्रिक डॉर्सी ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी। साथ ही इस कदम के पीछे के कारण भी बताएं। जैक ने कहा कि हमने वैश्विक स्तर पर...
गैजेट डेस्कः Twitter ने राजनीतिक विज्ञापन पर रोग लगा दी है। माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट की यह पॉलिसी 22 नवंबर से लागू होगी। ट्विटर के सीईओ जैक पैट्रिक डॉर्सी ने खुद ट्वीट करके यह जानकारी दी। साथ ही इस कदम के पीछे के कारण भी बताएं। जैक ने कहा कि हमने वैश्विक स्तर पर ट्विटर पर सभी राजनीतिक विज्ञापनों को रोकने का निर्णय लिया है। हमारा मानना है कि राजनीतिक संदेश पहुंचना चाहिए पर खरीदा नहीं।
ट्विटर ने क्यों उठाया यह कदम
जैक ने इस कदम के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि एक राजनीतिक संदेश को लोगों तक जरूर पहुंचना चाहिए लेकिन यह स्वतः होना चाहिए। लोग जब किसी अकाउंट को फॉलो करते हैं तो वो मैसेज को खुद रिट्वीट करते हैं। विज्ञापन के बल पर जबरन टारगेटेड पॉलिटिकल मेसेज पहुंचता है।
इंटरनेट पर विज्ञापन बहुत प्रभावी है। इसका इस्तेमाल कर राजनीतिक दल अपना एजेंडा चलाते हैं जो देश और समाज के हित में नहीं होता। इसका दुरुपयोग वोटों को प्रभावित करने के लिए भी किया जा सकता है।
मुद्दों से जुड़े विज्ञापनों पर है रोक
जैक कहते हैं कि भ्रामक जानकारी फैलाने के लिए हमारे सिस्टम से खेल करने वाले लोगों को रोकने के लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं। पहले हमने सिर्फ उम्मीदवार के विज्ञापनों पर रोक लगाने की योजना बनाई थी। लेकिन यह सही नहीं था इसलिए कैंडिडेट उन मुद्दों से जुड़े विज्ञापन खरीदे लें जिन मुद्दों पर वह जोर देना चाहता है। इसलिए हम मुद्दों से जुड़े विज्ञापनों पर भी रोक लगा रहे हैं। हालांकि हम अपनी फाइनल पॉलिसी 15 नवंबर तक साझा कर देंगे जिसमें कुछ अपवाद भी होंगे।