अमेरिका में गर्भपात के फैसले पर धार्मिक नेताओं ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया

Edited By Tanuja,Updated: 25 Jun, 2022 06:04 PM

dobbs ruling gets mixed reaction from san diego religious community

अमेरिका में धार्मिक लोगों में गर्भपात को लेकर विचारों में भिन्नता है। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय द्वारा 1973 के रो बनाम वेड के ऐतिहासिक फैसले को...

वाशिंगटन: अमेरिका में धार्मिक लोगों में गर्भपात को लेकर विचारों में भिन्नता है। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय द्वारा 1973 के रो बनाम वेड के ऐतिहासिक फैसले को पलटने के बाद धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं मिलीजुली रहीं। जीवन समर्थक गतिविधियों पर कैथोलिक बिशप समिति के अमेरिकी सम्मेलन की अध्यक्षता करने वाले बाल्टीमोर आर्कशिप विलियम ने कहा, ‘‘मैं मानता हूं कि कैथोलिक गिरजाघर में दोनों पक्षों के लोग हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि जब लोगों को यह पता चलता है कि मुश्किल गर्भधारण में महिलाओं की सहायता के लिए गिरजाघर क्या कर रहा है... तो उनके दिल और दिमाग बदलने लगता है।''

 

इस फैसले का देश के सबसे बड़े प्रोटेस्टेंट समुदाय दक्षिणी बैपटिस्ट कन्वेंशन के नव निर्वाचित अध्यक्ष बार्ट बार्बर समेत कई इंजील ईसाई नेताओं ने भी स्वागत किया। हालांकि, फैसले के बाद 20 से अधिक राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबंध लगने की उम्मीद है। एपिस्कोपल गिरजाघर के बिशप के अध्यक्ष माइकल करी सहित कुछ मुख्यधारा के प्रोटेस्टेंट नेताओं ने कहा, ‘‘उन्हें इस फैसले से बहुत दुख पहुंचा है।'' कई यहूदी संगठनों ने कहा कि फैसला यहूदी परंपराओं का उल्लंघन करता है जो गर्भपात की आवश्यकता को स्वीकार करते हैं। प्रजनन अधिकारों पर मुस्लिम समुदायों के साथ काम करने वाली शिकागो की एक गैर-लाभकारी संस्था हार्ट वीमेन एंड गर्ल्स की सह-संस्थापक नादिया मोहजिर ने फैसले पर निराशा व्यक्त की।

 

उन्होंने कहा, ‘‘आधे से अधिक अमेरिकी मुसलमान गर्भपात के लिए सुरक्षित पहुंच का समर्थन करते हैं।'' यहूदी महिलाओं की राष्ट्रीय परिषद की प्रमुख शीला काट्ज ने एक बयान में कहा, ‘‘गर्भपात पर प्रतिबंध के इस फैसले में गर्भवती महिला की तुलना में भ्रूण के जीवन को अधिक महत्व दिया गया है। यह यहूदी कानून और परंपरा और अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता दोनों का उल्लंघन है। अब, ऐसा लगता है कि केवल कुछ लोग ही धार्मिक स्वतंत्रता के हकदार हैं, जो पूरी अवधारणा को अर्थहीन कर देता है।'' साउथवेस्टर्न बैपटिस्ट थियोलॉजिकल सेमिनरी के अध्यक्ष एडम ग्रीनवे ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें सांसदों से अजन्मे बच्चों की रक्षा करने का आग्रह करना चाहिए। हमें महिलाओं की सहायता करनी चाहिए जो उन्हें जीवन चुनने में मदद करे।''  

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