Edited By Shubham Anand,Updated: 24 Jul, 2025 04:21 PM

भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए। इस समझौते को ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक द्विपक्षीय व्यापार समझौता माना जा रहा है।
इंटरनेशनल डेस्क: भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार को ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए। इस समझौते को ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद का सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक द्विपक्षीय व्यापार समझौता माना जा रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी फिलहाल दो दिवसीय ब्रिटेन दौरे पर हैं, जहां उन्होंने लंदन में ब्रिटिश समकक्ष से मुलाकात की।
6 मई को बनी थी सहमति
भारत और ब्रिटेन के बीच इस एफटीए को लेकर 6 मई 2025 को सहमति बनी थी। इसके तहत दोनों देशों ने वर्ष 2030 तक आपसी व्यापार को 120 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। समझौते में यह भी तय हुआ कि भारतीय निर्यात पर 99% टैक्स में राहत दी जाएगी, वहीं ब्रिटिश उत्पादों पर 90% शुल्क में कटौती की जाएगी।
भारतीय उपभोक्ताओं को मिलेंगे बेहतर ब्रिटिश प्रोडक्ट्स
ब्रिटेन सरकार के मुताबिक, एफटीए के लागू होने के बाद भारतीय उपभोक्ताओं को सॉफ्ट ड्रिंक्स, कॉस्मेटिक्स, लग्जरी कारें और चिकित्सा उपकरणों जैसे उच्च गुणवत्ता वाले ब्रिटिश उत्पादों तक सस्ती पहुंच मिलेगी। वर्तमान में इन पर औसतन 15% आयात शुल्क लगता है, जो समझौते के बाद 3% तक घट जाएगा।
ब्रिटिश उपभोक्ताओं के लिए भारतीय उत्पाद होंगे सस्ते
ब्रिटिश सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार, वर्तमान में ब्रिटेन भारत से 11 अरब पाउंड मूल्य के वस्त्रों का आयात करता है। लेकिन अब भारतीय वस्तुओं पर शुल्क में छूट मिलने से ब्रिटिश उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए भारतीय सामान खरीदना सस्ता और ज्यादा सुलभ हो जाएगा। इससे भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन में निर्यात बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। दोनों प्रधानमंत्रियों ने 'यूके-इंडिया विज़न 2035' भी लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को नए आयाम देना है।
कीर स्टारमर बोले: यह ब्रिटेन की बड़ी जीत
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस समझौते को लेकर कहा कि, "भारत के साथ हमारा ऐतिहासिक व्यापार समझौता ब्रिटेन के लिए एक बड़ी जीत है। यह देशभर में हज़ारों नई नौकरियां पैदा करेगा, व्यापार के नए अवसर खोलेगा और आर्थिक विकास को गति देगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह समझौता उनकी सरकार के परिवर्तन के एजेंडे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
क्या बोले पीएम मोदी?
भारत-ब्रिटेन FTA पर साइन होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक पर वार किया। पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि ‘जो लोग लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए लोकतांत्रिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग करते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।’पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘इंडो-पैसिफिक में शांति और स्थिरता, यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर हम विचार साझा करते रहे हैं। सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान अनिवार्य है। आज के युग की मांग, विस्तारवाद नहीं, विकासवाद है।’
व्यापार को मिलेगा नया आयाम
ब्रिटेन सरकार के अनुसार, यह एफटीए द्विपक्षीय व्यापार को सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ावा देगा। इससे न सिर्फ कारोबारियों को लाभ मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी गुणवत्तापूर्ण उत्पाद सस्ती कीमत पर उपलब्ध होंगे। यह समझौता आने वाले वर्षों में भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक रिश्तों को नई ऊंचाई देने में अहम भूमिका निभाएगा।