Edited By Tanuja,Updated: 12 Oct, 2025 02:30 PM

ईरान अमेरिका के साथ "न्यायपूर्ण और संतुलित" वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन केवल परमाणु मुद्दे पर चर्चा होगी। ईरान अपने यूरेनियम संवर्धन के अधिकार पर कायम है। अमेरिका ने 2018 में JCPOA समझौते से बाहर निकलकर प्रतिबंधों को फिर से लागू किया था, जिसके बाद...
International Desk: परमाणु संधि को लेकर अमेरिका के साथ बढ़े तनाव के बीच ईरान की अकड़ कुछ टूटती नजर आ रही है। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने कहा कि ईरान अमेरिका के साथ "न्यायपूर्ण और संतुलित" वार्ता के लिए तैयार है। राज्य-चालित IRIB टीवी को दिए साक्षात्कार में अराघची ने कहा कि यदि अमेरिका ऐसा प्रस्ताव प्रस्तुत करता है जो ईरान के हितों की रक्षा कर सके, तो तेहरान इसे गंभीरता से विचार करेगा।
अराघची ने कहा, "हमारा अमेरिका के प्रति रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। यदि वे आपसी सम्मान के आधार पर समान स्तर पर वार्ता करने के लिए तैयार हैं और साझा हितों की रक्षा का आश्वासन देते हैं, तो हम भी ऐसी वार्ता के लिए तैयार होंगे।" उन्होंने स्पष्ट किया कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम ही केवल वार्ता का विषय होगा और उनका रुख स्थिर है।अराघची ने यह भी दोहराया कि ईरान अपने देश में यूरेनियम संवर्धन का अधिकार नहीं छोड़ेगा और संवर्धित यूरेनियम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाएगा।
यूरोप के तीन देशों फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी (E3) के साथ वार्ता के संबंध में उन्होंने कहा कि वर्तमान में यूरोप के साथ वार्ता का कोई आधार मौजूद नहीं है।2015 में ईरान ने संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) पर छह प्रमुख देशों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस और अमेरिका के साथ समझौता किया था। इसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर कुछ प्रतिबंध स्वीकार किए और बदले में प्रतिबंधों में छूट पाई। हालांकि, 2018 में अमेरिका ने इस समझौते से बाहर निकलते हुए प्रतिबंधों को फिर से लागू किया, जिसके बाद ईरान ने अपने कुछ प्रतिबद्धताओं को कम किया।