Edited By Tanuja,Updated: 28 Jul, 2021 06:32 PM
जंग से जूझ रहे देश इजराइयल में एक महिला ने इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की है कि पूरी दुनिया उसके जज्बे की कायल हो गई। कहते हैं ...
इंटरनेशनल डेस्कः जंग से जूझ रहे देश इजराइयल में एक महिला ने इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की है कि पूरी दुनिया उसके जज्बे की कायल हो गई। कहते हैं कि जंग सरकारों के बीच होती है, जनता के बीच नहीं। और इस बात साबित कर दिखाया है इजरायल की इदीत हरेल सेगल ने । अपने स्वर्गवासी बाबा की सीख पर चलते हुए 50 साल की इदीत ने फैसला किया कि वह अपनी एक किडनी किसी अजनबी को दान करेंगी। सेगल ने ऐसे लोगों की खोज की जिन्हें किडनी की जरूरत हो और 9 महीने बाद उनकी तलाश खत्म हुई सबसे बड़े ‘दुश्मन’ फिलिस्तीन में रहने वाले 3 साल के एक मासूम पर।
गाजा पट्टी के इस बच्चे को एक खत लिखकर इदीत ने कहा, ‘आप मुझे नहीं जानते हैं लेकिन जल्द ही हम बेहद करीब होंगे क्योंकि मेरी किडनी आपके शरीर में होगी।’ उन्होंने सर्जरी के कामयाब होने और बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य की आशा की है। इदीत का कहना है कि 11 दिन तक चली जंग के बाद उन्होंने गुस्सा छोड़ दिया और सिर्फ शांति और प्यार देखा। वह लिखती हैं, ‘अगर हमारी तरह और भी हों तो जंग की वजह ही नहीं होगी।' हालांकि, इदीत के लिए यह फैसला आसान नहीं था। उनके पति और बेटे ने इसका विरोध किया, पिता ने बात करना ही बंद कर दिया। उनका मानना था कि इदीत को अपनी जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए।
फिलिस्तीन की ओर से हमले में परिवार ने तीन रिश्तेदार खो दिए थे। इदीत ने किसी को महीनों तक यह नहीं बताया कि किडनी वह किसे देने जा रही हैं। हमास के साथ गाजा में चल रही इजरायल की जंग के बीच सिर्फ कुछ मरीजों को मानवीय आधार पर देश में आने दिया जाता है। यरूशलम की एक NGO मतनत चाइम ने इस केस में मदद की। बच्चे के पिता को अस्पताल ने बताया कि अगर वह किसी इजरायली को अपनी किडनी देंगे तो उनके बेटे को जल्दी किडनी मिल सकेगी।
पिता ने दो बच्चों की मां एक 25 वर्षीय इजरायली महिला को किडनी दी। इस व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं लेकिन इसे इजरायल में प्रेरणा के रूप में देखा जाता है।वहीं, इदीत खुश हैं कि उनकी मदद से एक मासूम की जान बची, किसी और महिला को भी किडनी मिल सकी और दो दुश्मन समाज करीब आने की दिशा में बढ़े। इदीत खुद भी बच्चे के परिवार से मिलकर आईं। वह कहती हैं कि इस डोनेशन से उन्होंने अपने बाबा के प्रति सम्मान जाहिर किया है। आज उनका परिवार भी उन पर गर्व कर रहा है।