Edited By Tanuja,Updated: 07 Jun, 2025 07:40 PM

तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि अमेरिका समर्थित पिछली सरकार के पतन के बाद देश छोड़कर भागे सभी अफगान नागरिक घर लौटने के लिए स्वतंत्र हैं...
Kabul: तालिबान के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को कहा कि अमेरिका समर्थित पिछली सरकार के पतन के बाद देश छोड़कर भागे सभी अफगान नागरिक घर लौटने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने वादा किया कि अगर अफगान नागरिक वापस आते हैं तो उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। तालिबान के प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने ईद-उल-अजहा के मौके पर अपने संदेश में माफी की पेशकश की। अफगानिस्तान में ईद-उल-अजहा को ‘बलिदान का पर्व' भी कहा जाता है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान सहित 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध की घोषणा की थी, जिसके कुछ दिनों बाद तालिबान ने माफी की यह पेशकश की।
ट्रंप की इस घोषणा से उन अफगानी नागरिकों की उम्मीदों को झटका लगा है, जो स्थायी रूप से अमेरिका में बसने की सोच रहे थे या फिर विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए अस्थायी रूप से अमेरिका जाना चाहते हैं। ट्रंप ने जनवरी में एक मुख्य शरणार्थी कार्यक्रम को भी निलंबित कर दिया था, जिससे अमेरिका से जुड़े अफगान नागरिकों के लिए समर्थन लगभग समाप्त हो गया और उनमें से हजारों की तादाद में लोग फंसे रह गए। अखुंद ने ‘एक्स' पर माफी का यह संदेश पोस्ट किया था। उन्होंने कहा, “देश छोड़कर चले गए अफगान नागरिकों को अपने वतन लौट आना चाहिए। कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “अपनी पैतृक भूमि पर वापस आएं और शांति के माहौल में रहें।” उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लौटने वाले शरणार्थियों के लिए सेवाओं का उचित प्रबंधन करें और सुनिश्चित करें कि उन्हें आश्रय और सहायता दी जाए। अखुंद ने कहा, “हमें इस्लामी व्यवस्था की मशाल को बुझने नहीं देना चाहिए। मीडिया को गलत निर्णय लेने से बचना चाहिए और व्यवस्था की उपलब्धियों को कम नहीं आंकना चाहिए। जब तक चुनौतियां मौजूद हैं, हमें सतर्क रहना चाहिए।” अगस्त 2021 में तालिबान ने राजधानी काबुल में प्रवेश किया और अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से पर कब्जा कर लिया, जबकि अमेरिका और नाटो सेनाएं 20 वर्ष के युद्ध के बाद देश से लौट गयीं।