भारत के इस पड़ोसी देश ने खोजा 1,000 टन से ज्यादा सोना, एक साल में तीसरी बार मिली बड़ी खदान

Edited By Updated: 16 Nov, 2025 06:07 AM

this neighboring country of india has discovered more than 1 000 tons of gold

चीन ने एक बार फिर अपने विशाल शिनजियांग क्षेत्र के कुनलून पर्वतों में सोने का एक विशाल भंडार खोज निकाला है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, यहां 1,000 टन से अधिक सोना मौजूद होने की संभावना है। यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले एक साल में चीन...

इंटरनेशनल डेस्कः चीन ने एक बार फिर अपने विशाल शिनजियांग क्षेत्र के कुनलून पर्वतों में सोने का एक विशाल भंडार खोज निकाला है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, यहां 1,000 टन से अधिक सोना मौजूद होने की संभावना है। यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले एक साल में चीन को यह तीसरी मेगा-गोल्ड डिस्कवरी मिली है।

इससे पहले लियाओनिंग और हुनान प्रांतों में भी 1,000 टन से ज्यादा सोने वाली खदानें मिली थीं। लगातार मिल रही इन खोजों ने दुनिया के गोल्ड मार्केट में चीन की संभावनाओं को एक नए स्तर पर पहुंचा दिया है।

कुनलून पर्वत में क्या मिला?

चीनी भूविज्ञान एजेंसियों ने कुल 87 संभावित सोना-क्षेत्र (Gold-bearing zones) की पहचान की। इनमें से 6 क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण बताए गए। पहाड़ों की ऊपरी 300 मीटर परत में सोने की परतें सीधे खनन योग्य पाई गईं। इससे खनन लागत कम होगी और चीन बहुत जल्दी इसका व्यावसायिक उत्खनन शुरू कर सकता है।

पहले दुनिया की सबसे बड़ी खदानें कितने टन की थीं?

अब तक दुनिया की अधिकतर सबसे बड़ी सोने की खदानें कुछ सौ टन तक ही सीमित थीं। इसी वजह से 1,000+ टन का एक ही स्थान पर मिलना वैश्विक स्तर पर बड़ा भू-वैज्ञानिक घटनाक्रम माना जा रहा है।

पहले अनुमान गलत साबित हुए — चीन के गोल्ड रिसोर्स उम्मीद से ज्यादा

विशेषज्ञों का अनुमान था कि चीन में लगभग 3,000 टन सोना “अनमाइन्ड” है। यह संख्या- रूस और ऑस्ट्रेलिया की तुलना में काफी कम मानी जाती थी। लेकिन नए हाईटेक सर्वे और तकनीकी खोजों ने दिखाया कि चीन के पास इसका कई गुना ज्यादा सोना हो सकता है।

चीन के पास भारत से 3 गुना ज्यादा गोल्ड रिज़र्व

ताज़ा आधिकारिक डेटा के अनुसार:

  • चीन का गोल्ड रिज़र्व: 2,279.56 टन (अक्टूबर 2025)

  • भारत का गोल्ड रिज़र्व: 876.18 टन (मार्च 2025)

यानी चीन भारत से लगभग तीन गुना ज्यादा सोना रिजर्व के रूप में रखता है।

दिलचस्प बात:

चीन के विदेशी मुद्रा भंडार का सिर्फ 5% हिस्सा सोना है। भारत में यह 9.3% है। ग्लोबल रैंकिंग में चीन 5वें और भारत 7वें स्थान पर है

चीन में इतनी लगातार गोल्ड खोज कैसे हो रही है?

इसका कारण सिर्फ किस्मत नहीं, बल्कि आक्रामक निवेश और हाईटेक तकनीक है।

चीन ने:

1) खोज पर खर्च बढ़ाया

सरकार ने खनिज खोज के लिए मल्टी-बिलियन युआन का बजट बढ़ाया है।

2) नई तकनीकें इस्तेमाल कीं

  • AI आधारित भू-सर्वे

  • अल्ट्रा-डीप ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार

  • हाई-रेजॉल्यूशन सैटेलाइट इमेजिंग

  • 3D अंडरग्राउंड मैपिंग

3) 2018 में बनाया गया “क्रॉस-आकार का भू-तरंग एंटीना सिस्टम”

यह सिस्टम जमीन की किलोमीटर-गहरी परतों तक संकेत भेज सकता है। इससे सोना ही नहीं बल्कि लिथियम,यूरेनियम,रेयर अर्थ मेटल्स,प्राकृतिक गैस और तेल की खोज भी कम लागत और अधिक सटीकता से हो रही है। इस टेक्नोलॉजी का प्रभाव चीन से बाहर अफ्रीकी देशों तक में दिख रहा है, जहां उसने कई नई खदानें खोजने में मदद की है।

भारत की स्थिति क्या है?

भारत में भी सोने की खानें हैं, विशेषकर राजस्थान,झारखंड और मध्य प्रदेश में। लेकिन रिजर्व अपेक्षाकृत छोटे,तकनीक पुरानी और खोज का बजट सीमित है। यही कारण है कि चीन जैसी “मेगा डिस्कवरी” भारत में फिलहाल नहीं देखी गई है।

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