स्टडी में खुलासा: दुनियाभर में कोरोना फैलने से पहले वुहान के बाजारों में बेचे गए थे हजारों जंगली जानवर

Edited By Updated: 11 Jun, 2021 01:44 PM

thousands of wild animals sold in wuhan market before spread of corona

चीन को लेकर अब एक नई और बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि दो साल पहले दुनियाभर में कोरोना फैलने से पहले चीन के वुहान प्रांत के बाजारों में हजारों जंगली जानवर बेचे गए थे। स्टडी के मुताबिक जिन जानवरों को बेचा गया था उनमें ऐसे रोगाणु (पैथजन) होने की...

इंटरनेशनल डेस्क: चीन को लेकर अब एक नई और बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि दो साल पहले दुनियाभर में कोरोना फैलने से पहले चीन के वुहान प्रांत के बाजारों में हजारों जंगली जानवर बेचे गए थे। स्टडी के मुताबिक जिन जानवरों को बेचा गया था उनमें ऐसे रोगाणु (पैथजन) होने की संभावना होती है, जिससे मनुष्य भी संक्रमित हो सकते हैं। ये दावा है चीन में चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी, ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के शोधकतार्ओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम द्वारा की गई नई स्टडी का। जर्नल साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित इस स्टडी के मुताबिक शोधकर्त्ताओं ने 38 प्रजातियों में 47,381 जानवरों का दस्तावेजीकरण किया, जिनमें 31 संरक्षित प्रजातियां शामिल हैं जो वुहान के बाजारों में मई 2017 और नवंबर 2019 के बीच बेची गईं।

 

स्टडी के मुताबिक जो जंगली जानवर बेचे गए उनमें से 33 कथित तौर पर 2009 से चीन में जंगली आबादी, बाजारों या खेतों में जूनोटिक रोगजनकों से संक्रमित हैं। इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने वुहान में मिंक, पाम सिवेट और रैकून कुत्तों की बिक्री भी पाई, लेकिन उन्हें पैंगोलिन या चमगादड़ की बिक्री के प्रमाण नहीं मिले हैं। मास्कड पाम सिवेट (पगुमा लावार्टा) 2003 के सार्स प्रकोप में शामिल होस्ट था। बता दें कि दुनियाभर में जब कोरोना फैला तब चमगादड़ को संक्रामण संभावित स्रोत के रूप में माना गया जिसने अब तक न जाने कितनी जानें ले लीं।

 

चीन ने लगाया बैन
स्टडी में कहा गया कि जिन प्रजातियों की बिक्री हुई वो covid-19 से अलग संक्रामक जूनोटिक रोगों या रोग-रोधी परजीवियों की एक विस्तृत श्रृंखला को होस्ट करने में सक्षम है, यानिक कि यह किसी घातक वायरस बना सकते हैं जैसे-रेबीज, एसएफटीएस, एच5एन1 से लेकर सामान्य जीवाणु संक्रमण तक हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए एक जोखिम का प्रतिनिधित्व करते हैं (जैसे, स्ट्रेप्टोकोकस)। स्टडी में लिखा गया कि चीन सरकार ने 26 जनवरी, 2020 को कोरोना खत्म होने तक सभी वन्यजीव व्यापार पर अस्थायी रूप से बैन लगा दिया था। इसके अलावा साल 2020 में फरवरी से खाने के लिए स्थलीय जंगली (गैर-पशुधन) जानवरों के खाने और व्यापार पर स्थायी रूप से प्रतिबंध लगाया गया।

 

बता दें कि दुनियाभर में चीन पर अंगुली उठने के बाद इसी साल 2021 में  विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना फैलने में चीन की भूमिका की जांच की। साथ ही विशेषज्ञों ने यह भी जानने की कोशिश की कि वुहान में स्थानीय बाजारों में कौन से वन्यजीव बेचे जा रहे थे। अब तक की जितनी स्डीट हुई है उसमें यह बात निकलकर सामने आ रही है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से निकला हो सकता है। बता दें कि अमेरिका भी इस बात पर बार-बार जोर देता आ रहा है कि कोरोना की उत्पति चीन से ही हुई है, हालांकि चीन इससे इंकार कर रहा है।

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