Edited By Pardeep,Updated: 02 Nov, 2025 11:26 PM

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यह अच्छी तरह समझ है कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया, तो इसके “गंभीर नतीजे” होंगे। ट्रंप ने यह बात एक अमेरिकी टीवी चैनल के कार्यक्रम ‘60 Minutes’ में दिए एक...
इंटरनेशनल डेस्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को यह अच्छी तरह समझ है कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया, तो इसके “गंभीर नतीजे” होंगे। ट्रंप ने यह बात एक अमेरिकी टीवी चैनल के कार्यक्रम ‘60 Minutes’ में दिए एक इंटरव्यू में कही। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है तो अमेरिका सैन्य कार्रवाई करेगा या नहीं। ट्रंप ने कहा कि हाल ही में दक्षिण कोरिया में हुई मुलाकात के दौरान ताइवान का मुद्दा “कभी चर्चा में नहीं आया।” यह दोनों नेताओं की छह साल बाद हुई पहली आमने-सामने मुलाकात थी।
जब इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका चीन के खिलाफ सेना भेजेगा, तो ट्रंप ने जवाब दिया — “अगर ऐसा हुआ, तो आप देख लेंगे क्या होता है। शी जिनपिंग को इसका जवाब पता है।” उन्होंने आगे कहा कि, “मैं अपने राज़ नहीं बता सकता। दूसरी तरफ वाले को सब पता है।”
ट्रंप ने दावा किया कि चीन के राष्ट्रपति और उनके शीर्ष सलाहकारों ने “खुले तौर पर” कहा है कि वे ट्रंप के कार्यकाल के दौरान ताइवान के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाएंगे, क्योंकि वे जानते हैं कि इसके “परिणाम गंभीर होंगे।”
चीन-ताइवान विवाद क्या है?
चीन ताइवान को अपने देश का हिस्सा मानता है और उसे किसी न किसी दिन “मुख्यभूमि के साथ मिलाने” की बात करता रहा है, चाहे इसके लिए बल प्रयोग ही क्यों न करना पड़े। दूसरी ओर, ताइवान खुद को एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश मानता है। अमेरिका “वन चाइना पॉलिसी” के तहत आधिकारिक रूप से बीजिंग को ही मान्यता देता है, लेकिन वह ताइवान का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता और रक्षा सहयोगी भी है।
ट्रंप-शी मुलाकात में क्या हुआ
दक्षिण कोरिया में हुई मुलाकात में दोनों नेताओं ने ताइवान के बजाय व्यापार और तकनीकी तनाव को कम करने पर चर्चा की। ट्रंप और शी ने आपसी संबंधों को स्थिर करने और हाल ही में घोषित “ट्रेड ट्रूस” (व्यापारिक युद्धविराम) को बनाए रखने पर जोर दिया।