Ohh No! डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही: थैलेसीमिया से पीड़ित 7 मासूमों को चढ़ा दिया HIV पॉजिटिव ब्लड

Edited By Updated: 27 Oct, 2025 10:52 AM

7 thalassemia patients were given hiv positive blood transfusions

झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है जहां थैलेसीमिया से जूझ रहे 7 बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के बाद उनकी रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव...

नेशनल डेस्क। झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा सदर अस्पताल में घोर लापरवाही का मामला सामने आया है जहां थैलेसीमिया से जूझ रहे 7 बच्चों को संक्रमित रक्त चढ़ाने के बाद उनकी रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई है। इस दिल दहला देने वाली घटना की गंभीरता को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान (Suo Motu) लिया है और राज्य के स्वास्थ्य सचिव तथा सिविल सर्जन  से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

7 साल के बच्चे की जांच से खुला राज

यह भयावह मामला सबसे पहले शुक्रवार को तब उजागर हुआ जब एक 7 वर्षीय थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे के माता-पिता ने ब्लड बैंक पर लापरवाही का आरोप लगाया। बच्चे को 13 सितंबर को रक्त चढ़ाया गया था लेकिन 18 अक्टूबर को फॉलो-अप जांच में उसकी रिपोर्ट एचआईवी पॉजिटिव आई। शनिवार को रांची से आई 5 सदस्यीय मेडिकल टीम ने जांच पड़ताल की। इस दौरान 6 और थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के रिजल्ट भी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए। इन सभी बच्चों को हर 15 से 30 दिनों में नियमित रूप से रक्त चढ़ाना पड़ता था। डिप्टी कमिश्नर चंदन कुमार ने बताया कि बच्चों के ब्लड ग्रुप अलग-अलग होने के कारण यह आशंका है कि संक्रमण किसी एक नहीं बल्कि विभिन्न दानदाताओं के रक्त से फैला है।

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सदर अस्पताल के ब्लड बैंक में मिली खामियां

स्वास्थ्य निदेशक डॉ. दिनेश कुमार के नेतृत्व वाली मेडिकल टीम ने सदर अस्पताल के ब्लड बैंक और पीआईसीयू वॉर्ड का निरीक्षण किया। जांच में ब्लड बैंक में कई खामियां पाई गईं जिसके बाद ब्लड बैंक की सेवाओं को केवल इमरजेंसी सेवाओं तक सीमित कर दिया गया है। डॉ. कुमार ने कहा कि प्रारंभिक जांच से संक्रमित रक्त चढ़ाने की पुष्टि हुई है। सभी दानकर्ताओं के सैंपल दोबारा जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। जिले में वर्तमान में 56 थैलेसीमिया मरीज और 515 एचआईवी पॉजिटिव केस हैं जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हैं।

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हाईकोर्ट की फटकार और सरकार का एक्शन

झारखंड हाईकोर्ट ने रविवार को स्वतः संज्ञान लेते हुए स्वास्थ्य विभाग से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सिविल सर्जन डॉ. सुशांतो माजी और स्वास्थ्य सचिव को नोटिस जारी कर कड़ी फटकार लगाई है। राज्य सरकार ने पहले ही तीन सदस्यीय स्थानीय समिति गठित कर दी है जो जल्द ही इस मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस घटना को ब्लड स्क्रीनिंग (Blood Screening) में बरती गई घोर लापरवाही बताया है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की मांग की है। मासूमों के परिवार सदमे में हैं और जांच पूरी होने पर दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई होने की संभावना है।

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