Edited By Rohini Oberoi,Updated: 26 Dec, 2025 01:10 PM

अपने जीवन भर की जमा पूंजी को सुरक्षित रखना और उससे नियमित आय (Regular Income) प्राप्त करना हर बुजुर्ग का सपना होता है। डाकघर (Post Office) की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) इस मामले में सबसे भरोसेमंद और ज्यादा मुनाफा देने वाली योजना बनकर उभरी है।...
Post Office Scheme : अपने जीवन भर की जमा पूंजी को सुरक्षित रखना और उससे नियमित आय (Regular Income) प्राप्त करना हर बुजुर्ग का सपना होता है। डाकघर (Post Office) की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) इस मामले में सबसे भरोसेमंद और ज्यादा मुनाफा देने वाली योजना बनकर उभरी है। फिलहाल यह स्कीम पोस्ट ऑफिस की सभी छोटी बचत योजनाओं में सबसे ज्यादा ब्याज दर ऑफर कर रही है। आइए जानते हैं इस स्कीम की बारीकियां और कैसे यह बुजुर्गों के लिए एक पेंशन की तरह काम करती है।
स्कीम की मुख्य विशेषताएं
वर्तमान में सरकार इस योजना पर 8.2% सालाना ब्याज दे रही है। इसमें ब्याज का भुगतान हर तीन महीने (Quarterly) में किया जाता है जिससे वरिष्ठ नागरिकों को खर्च के लिए हर तीसरे महीने एक निश्चित राशि मिलती रहती है। आप कम से कम ₹1,000 से खाता खोल सकते हैं और अधिकतम ₹30 लाख तक निवेश कर सकते हैं।

कौन खोल सकता है खाता?
इस योजना का लाभ लेने के लिए उम्र की कुछ शर्तें तय की गई हैं:
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सामान्य नागरिक: 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति।
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रिटायर्ड कर्मचारी (VRS): 55 से 60 वर्ष की आयु के वे सिविलियन कर्मचारी जिन्होंने रिटायरमेंट के 1 महीने के भीतर निवेश किया हो।
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डिफेंस रिटायर्ड: रक्षा क्षेत्र के रिटायर्ड कर्मचारियों के लिए न्यूनतम आयु 50 वर्ष है।
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जॉइंट अकाउंट: आप अपनी पत्नी या पति के साथ मिलकर संयुक्त खाता भी खोल सकते हैं।

मैच्योरिटी और समय से पहले निकासी (Rules)

₹25 लाख के निवेश पर कमाई का गणित
अगर आप अपनी रिटायरमेंट राशि में से ₹25 लाख इस स्कीम में 8 साल (5 साल + 3 साल विस्तार) के लिए निवेश करते हैं तो लाभ कुछ इस प्रकार होगा:
| विवरण |
राशि/आंकड़े |
| कुल निवेश (Principal) |
₹25,00,000 |
| ब्याज दर (सालाना) |
8.2% |
| त्रैमासिक आय (हर 3 महीने में) |
₹51,250 |
| सालाना कुल ब्याज |
₹2,05,000 |
| 8 साल में कुल ब्याज की कमाई |
₹16,40,000 |
| मैच्योरिटी पर वापस मिलने वाली मूल राशि |
₹25,00,000 |
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टैक्स बेनिफिट (Tax Benefits)
इस योजना में निवेश करने पर आपको आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि ध्यान रहे कि मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है।