8.5 लाख साल पहले हमारे पूर्वज अपने बच्चों को खाते थे! वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला खुलासा

Edited By Updated: 26 Jul, 2025 06:41 PM

8 5 lakh years ago our ancestors used to eat their children scientists claim

वैज्ञानिकों को हाल ही में एक ऐसी चौंकाने वाली खोज मिली है। यह खोज मानव इतिहास के एक गहरे और परेशान करने वाले पहलू नरभक्षण को उजागर करती है। उत्तरी स्पेन में हुई इस नई खोज के आधार पर वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि लगभग 850,000 साल पहले प्राचीन मानव...

नेशनल डेस्क: वैज्ञानिकों को हाल ही में एक ऐसी चौंकाने वाली खोज मिली है। यह खोज मानव इतिहास के एक गहरे और परेशान करने वाले पहलू नरभक्षण को उजागर करती है। उत्तरी स्पेन में हुई इस नई खोज के आधार पर वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि लगभग 850,000 साल पहले प्राचीन मानव प्रजाति अपने बच्चों को भी खा जाती थी। यह खोज अगर सही साबित होती है, तो नरभक्षण की प्रथा का अब तक का सबसे प्रारंभिक और सीधा प्रमाण होगी।

बच्चे की गर्दन की हड्डी पर मिले वध के निशान

एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी स्पेन के अटापुर्का में ग्रैन डोलिना गुफा स्थल पर काम कर रहे पुरातत्वविदों ने एक मानव गर्दन की हड्डी खोजी है। यह हड्डी एक ऐसे बच्चे की है, जिसकी मृत्यु दो से चार वर्ष की आयु के बीच हुई थी। खोजकर्ताओं ने बताया कि इस हड्डी पर स्पष्ट रूप से वध के निशान हैं। ये निशान इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण देते हैं कि शिशु का सिर काटा गया था और उसे खाया गया था। गर्दन की हड्डी के साथ दांत से काटने के निशान भी पाए गए हैं। ये निशान होमो एन्टिसेसर से संबंधित थे। इस महत्वपूर्ण खोज को कैटलन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन पैलियोइकोलॉजी एंड सोशल इवोल्यूशन (IPHES) की एक टीम ने किया है, जो तीन दशकों से भी अधिक समय से इस स्थल की खुदाई कर रही है।

ग्रैन डोलिना गुफा में अब तक पाई गई लगभग एक तिहाई हड्डियों पर कटे हुए निशान हैं, इनसे साफ पता चलता है कि प्रारंभिक मानव नरभक्षी थे। ग्रैन डोलिना उत्खनन की सह-निदेशक डॉ. पामिरा सलादी ने बताया कि यह विशेष मामला (बच्चे की हड्डी वाला) काफी हैरान करने वाला है। न केवल बच्चे की छोटी उम्र के कारण, बल्कि कट के निशानों की सटीकता के कारण भी।

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खोज में मिले मानव अंग के अवशेष में सिर को अलग करने के लिए महत्वपूर्ण शारीरिक बिंदुओं पर स्पष्ट चीरे लगे हैं। यह प्रत्यक्ष प्रमाण है कि बच्चे के साथ किसी अन्य शिकार की तरह ही व्यवहार किया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी बच्चे को खाए जाने का ऐसा साक्ष्य मिलना असामान्य बात है।

होमो एन्टिसेसर: मोटा और छोटा, पर प्रतीकात्मक भाषा का प्रयोग करता था

होमो एन्टिसेसर प्रजाति लगभग 1.2 मिलियन से 800,000 वर्ष पूर्व रहती थी। ये आधुनिक मानवों की तुलना में औसतन अधिक मोटे और छोटे थे। उनके मस्तिष्क का आकार लगभग 1,000 से 1,150 CM³ के बीच था, जो आज के लोगों के औसत 1,350 CM³ मस्तिष्क से छोटा है।

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पुरातत्वविदों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यह प्रजाति दाएं हाथ से काम करती थी, जो इसे अन्य वानरों से अलग बनाती थी। संभवतः यह प्रतीकात्मक भाषा का भी प्रयोग करती थी। शोधकर्ताओं ने बताया कि हाल ही में खोजी गई गर्दन की हड्डी पर निशानों से साफ पता चलता है कि बच्चे का सिर जानबूझकर काटा गया था।

शवों को खाए जाने के कई अन्य सबूत

इस स्थल से प्राप्त अन्य वयस्क हड्डियों पर भी मांस काटने के निशान और जानबूझकर फ्रैक्चर के साक्ष्य मिले हैं, जो मनुष्यों द्वारा खाए गए जानवरों की हड्डियों पर पाए जाने वाले निशानों के समान हैं। डॉ. सलादी ने लाइव साइंस को बताया कि जीवाश्म सतहों का संरक्षण असाधारण है। हड्डियों पर मानव के काटने के निशान इस बात का सबसे विश्वसनीय प्रमाण है कि घटनास्थल पर पाए गए शव वास्तव में खाए गए थे। टीम ने कहा कि नए निष्कर्ष इस विचार को मजबूत करते हैं कि इन प्रारंभिक मनुष्यों ने अपने साथियों का भोजन के रूप में इस्तेमाल किया था।

डॉ. सलादी ने यह भी बताया कि हर साल नए साक्ष्य मिलते हैं जो हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि लगभग दस लाख साल पहले वे कैसे रहते थे, कैसे उनकी मृत्यु हुई और मृतकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता था। प्रारंभिक मानव रिश्तेदारों में नरभक्षण के साक्ष्य केन्या में 1.45 मिलियन वर्ष पहले के भी मिले हैं। कुछ पुरातत्वविदों का यह भी दावा है कि औपचारिक दफनाने से पहले, मानव आबादी अंत्येष्टि अनुष्ठान के भाग के रूप में मृतकों को खाती थी।

समरसेट के चेडर गॉर्ज में पाए गए खोपड़ियों के परीक्षणों से पता चलता है कि प्रारंभिक ब्रिटिश लोग भी नरभक्षी थे और अपने शिकार के सिर से बने कटोरे में पानी पीना पसंद करते थे। ये कटोरे 14,700 वर्ष पुराने हैं और इनका उपयोग संभवतः पानी या रक्त पीने के लिए किया जाता था।

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