Edited By Harman Kaur,Updated: 28 Jul, 2025 07:16 PM

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आपदा प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए एक बार फिर से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की ओर से वृहद स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। यह अभ्यास भूकंप और रासायनिक आपदा जैसे बड़े संकटों में आपातकालीन प्रतिक्रिया की...
नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आपदा प्रबंधन को और बेहतर बनाने के लिए एक बार फिर से दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की ओर से वृहद स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित की जा रही है। यह अभ्यास भूकंप और रासायनिक आपदा जैसे बड़े संकटों में आपातकालीन प्रतिक्रिया की क्षमता को जांचने और मजबूत करने के लिए किया जा रहा है।
डीडीएमए के मुताबिक, यह तीन चरणों में आयोजित किया जाएगा:
29 जुलाई: एक हाई-लेवल सेमिनार के साथ अभ्यास की शुरुआत होगी, जिसमें आपदा जोखिम और रणनीतिक तैयारियों पर चर्चा होगी।
30 जुलाई: एक टेबलटॉप एक्सरसाइज (TTEX) के जरिए आपदा प्रबंधक अपनी रणनीतियों को नियंत्रित वातावरण में परखेंगे।
1 अगस्त: मैदान स्तर पर व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित होगी, जिसमें योजना की जमीनी हकीकत को जांचा जाएगा।
दिल्ली समेत 18 जिलों में होगा अभ्यास
यह बहु-एजेंसी अभियान दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुल 18 जिलों को कवर करेगा। दिल्ली के सभी 11 जिलों, हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह और रेवाड़ी तथा यूपी के गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में एक साथ मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
डीडीएमए ने बताया कि यह अभ्यास एक बड़े भूकंप के परिदृश्य को ध्यान में रखकर किया जाएगा, जिसमें इंटर-एजेंसी कोऑर्डिनेशन, जनता की प्रतिक्रिया, और आपातकालीन सेवाओं की वास्तविक समय में तैनाती की जांच की जाएगी।
मॉक ड्रिल में दिखेगी आपात सेवाओं की हलचल
इस दौरान राजधानी और आस-पास के इलाकों में एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस वैन, सेना के ट्रक और अन्य आपातकालीन वाहन दिखाई देंगे। सायरन और पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम का उपयोग भी किया जाएगा ताकि लोगों को सचेत किया जा सके।
लोग घबराएं नहीं, करें सहयोग: डीडीएमए
डीडीएमए ने नागरिकों से इस अभ्यास में घबराने की बजाय सहयोग करने की अपील की है। यह केवल पूर्व नियोजित अभ्यास है और कोई वास्तविक आपदा नहीं है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), सशस्त्र बल, दिल्ली पुलिस, सिविल डिफेंस और अन्य संबंधित एजेंसियां बचाव कार्य, मेडिकल असिस्टेंस और आपदा राहत में हिस्सा लेंगी। इसके लिए राहत कैंप, चिकित्सा सहायता केंद्र और कमान पोस्ट जैसी अस्थायी व्यवस्थाएं की जाएंगी।