Edited By Parveen Kumar,Updated: 07 Sep, 2025 06:46 PM

ओडिशा के नयागढ़ जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मदरसे के नाबालिग छात्र फरानरुद्दीन खान की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। आरोप है कि कुछ वरिष्ठ छात्रों ने पहले उसका यौन शोषण किया और फिर भेद खुलने के डर से उसकी जान ले ली।
नेशनल डेस्क: ओडिशा के नयागढ़ जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक मदरसे के नाबालिग छात्र फरानरुद्दीन खान की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। आरोप है कि कुछ वरिष्ठ छात्रों ने पहले उसका यौन शोषण किया और फिर भेद खुलने के डर से उसकी जान ले ली। इस मामले में पुलिस ने पांच नाबालिगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर पॉक्सो (POCSO) एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
क्या हुआ था?
पीड़ित फरानरुद्दीन जो कटक जिले के आठगढ़ का रहने वाला था, नयागढ़ के नीलापल्ली स्थित एक मदरसे में पढ़ाई कर रहा था। पुलिस की जांच के अनुसार फरानरुद्दीन को काफी समय से मदरसे के कुछ सीनियर छात्र यौन शोषण का शिकार बना रहे थे।
पुलिस को फरानरुद्दीन के पिता ने बताया कि 31 अगस्त को दो सीनियर छात्रों ने उसके बेटे के साथ यौन शोषण किया और उसे मदरसे के एक पुराने शौचालय टैंक में फेंक दिया, जिससे उसके सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। हमलावरों को लगा कि वह मर गया है, लेकिन किसी तरह वह उस रात बचकर निकल भागा।
अगले दिन दोबारा हमला और हत्या
दो दिन बाद 2 सितंबर को, आरोपी छात्रों ने फरानरुद्दीन को फिर से उसी टैंक के पास बुलाया। इस बार उनके साथ तीन अन्य छात्र भी थे। पाँचों ने मिलकर फरानरुद्दीन के साथ फिर से यौन शोषण किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद उन्होंने शव को उसी शौचालय टैंक में फेंक दिया ताकि सबूत मिटा सकें।
पुलिस की कार्रवाई
इस घटना का पता तब चला जब मदरसे के मुख्य शिक्षक को आरोपियों में से एक ने ही बताया कि फरानरुद्दीन लापता है। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने वैज्ञानिक टीम के साथ मौके पर पहुंचकर सबूत जुटाए। गवाहों के बयान और सीसीटीवी फुटेज की मदद से यह साबित हुआ कि इस घटना में पांच नाबालिग छात्र शामिल थे।
पुलिस पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। सभी के जन्म प्रमाण पत्र जब्त कर लिए गए हैं। मदरसे से उनका नाम काट दिया गया है और उन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया गया है। इस घटना ने पूरे नयागढ़ में सनसनी फैला दी है और धार्मिक संस्थानों में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।