Edited By Radhika,Updated: 27 Dec, 2025 12:02 PM

बीते दिनों बंग्लादेश से सामने आई घटनाओं ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां पर दो हिंदु युवकों को मौत के घाट उतार दिया। इन्हीं घटनाओं के बीच एक मुस्लिम देश अपनी समावेशी संस्कृति और सख्त कानून के कारण हिंदुओं के लिए 'सुरक्षित स्वर्ग' बनकर...
नेशनल डेस्क: बीते दिनों बंग्लादेश से सामने आई घटनाओं ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहां पर दो हिंदु युवकों को मौत के घाट उतार दिया। इन्हीं घटनाओं के बीच एक मुस्लिम देश अपनी समावेशी संस्कृति और सख्त कानून के कारण हिंदुओं के लिए 'सुरक्षित स्वर्ग' बनकर उभरा है। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) आज दुनिया भर में धार्मिक सद्भाव की एक ऐसी मिसाल पेश कर रहा है, जहाँ हिंदू न केवल सुरक्षित महसूस करते हैं बल्कि पूरी भव्यता के साथ अपने धर्म का पालन भी कर रहे हैं।
सख्त कानून: नफरत फैलाने पर 4.5 करोड़ तक का जुर्माना
UAE की सुरक्षा के पीछे वहां के बेहद सख्त Anti-Discrimination Laws हैं। साल 2025 में भी लागू संघीय कानून के तहत किसी भी धर्म का अपमान करने या नफरत फैलाने वाला भाषण (Hate Speech) देने पर 5 लाख से 20 लाख दिरहम (लगभग 1.15 करोड़ से 4.5 करोड़ रुपये) तक का जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है। खास बात यह है कि यह कानून सोशल मीडिया पर भी समान रूप से प्रभावी है, जिससे अल्पसंख्यकों में सुरक्षा का मजबूत अहसास रहता है।

मंदिरों की भव्यता और सहिष्णुता की नीति
अबू धाबी में फरवरी 2024 में खुला BAPS हिंदू मंदिर आज वैश्विक सद्भाव का केंद्र बन चुका है। इसके अलावा दुबई का जेबेल अली मंदिर और 1958 से स्थापित श्रीकृष्ण मंदिर यह दर्शाते हैं कि यहाँ दशकों से हिंदू धर्म का सम्मान हो रहा है। UAE दुनिया का एकमात्र देश है जहाँ बाकायदा 'मिनिस्ट्री ऑफ टोलरेंस' काम करता है।

2025 रहा 'कम्युनिटी का साल'
UAE ने साल 2025 को 'ईयर ऑफ कम्युनिटी' (Year of Community) घोषित किया है। यहाँ दिवाली और होली जैसे त्योहार केवल घरों तक सीमित नहीं रहते, बल्कि दुनिया की सबसे ऊंची इमारत 'बुर्ज खलीफा' को भी दिवाली पर रोशन किया जाता है। ग्लोबल सेफ्टी इंडेक्स 2025 में भी UAE को शीर्ष स्थान मिला है, जो इसकी सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि करता है।