Edited By Radhika,Updated: 05 Sep, 2025 12:49 PM

Bank of Baroda ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और उसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी के ऋण खातों को 'धोखाधड़ी' की श्रेणी में रखा है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब RCom पहले से ही दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है।
नेशनल डेस्क: Bank of Baroda ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) और उसके पूर्व निदेशक अनिल अंबानी के ऋण खातों को 'धोखाधड़ी' की श्रेणी में रखा है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब RCom पहले से ही दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने बीती 2 सितंबर को इस फैसले की जानकारी RCom को एक पत्र के जरिए दी।
क्या है पूरा मामला?
RCom कभी Indian Telecom Sector की एक बड़ी कंपनी थी, लेकिन अब यह भारी कर्ज में डूबी है। कंपनी ने बताया है कि वह इस मामले में कानूनी मदद लेगी। यह फैसला SBI द्वारा इसी तरह की कार्रवाइयों के बाद लिया गया है। SBI ने जून 2025 में और बैंक ऑफ इंडिया ने 24 अगस्त को RCom के ऋणों को 'धोखाधड़ी' घोषित किया था।

अनिल अंबानी का पक्ष
अनिल अंबानी ने 2019 में RCom बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था, ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनके प्रवक्ता ने कहा कि अंबानी 2006 से 2019 तक यानी 14 साल तक केवल एक गैर-कार्यकारी निदेशक थे और कंपनी के रोजमर्रा के फैसलों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। उनके अनुसार यह 12 साल से अधिक पुराना मामला है और कुछ बैंक अब जानबूझकर उन्हें निशाना बना रहे हैं।
कोर्ट में अभी भी लंबित है मामला-
RCom इस समय दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से गुजर रही है। मार्च 2020 में लेनदारों ने एक समाधान योजना को मंजूरी दी थी, लेकिन यह अभी भी राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) में लंबित है। यह मामला पिछले छह वर्षों से NCLT और सुप्रीम कोर्ट में है और आरोप है कि लेनदारों ने इसे पूरा करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।
इस बीच ED और CBI भी अनिल अंबानी और उनके रिलायंस समूह की कंपनियों के खिलाफ अलग-अलग जांच कर रही हैं। RCom पर 14 बैंकों का हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है।