Edited By rajesh kumar,Updated: 03 Jun, 2023 01:45 PM
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच पर रोक की अवधि शुक्रवार को उस समय तक के लिए बढ़ा दी, जब तक कि सुनवाई जारी रखने से जुड़े एक सवाल पर...
नेशनल डेस्क: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में राज्य के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच पर रोक की अवधि शुक्रवार को उस समय तक के लिए बढ़ा दी, जब तक कि सुनवाई जारी रखने से जुड़े एक सवाल पर एकल पीठ को मुख्य न्यायाधीश की राय नहीं मिल जाती है। शिवकुमार ने मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को अदालत में चुनौती दी है।
याचिका, आज न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई। हालांकि, ग्रीष्मावकाश से पहले याचिका पर आंशिक सुनवाई न्यायमूर्ति के. नटरराजन ने की थी। इसलिए, न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने रजिस्ट्रार को मामले की फाइल मुख्य न्यायाधीश के समक्ष पेश करने को कहा और इस बारे में उनकी (मुख्य न्यायाधीश की) राय मांगी है कि क्या वह इस याचिका पर सुनवाई जारी रख सकते हैं। उन्होंने पूर्व में लगाई गई रोक को जारी रखा और सुनवाई स्थगित कर दी। शिवकुमार ने उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की थीं।
इनमें से एक याचिका, उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को 25 सितंबर 2019 को दी गई राज्य सरकार की मंजूरी के खिलाफ थी, जबकि दूसरी याचिका में, तीन अक्टूबर 2020 को केंद्रीय एजेंसी द्वारा उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को चुनौती दी गई है। उच्च न्यायालय मुकदमे की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को पूर्व में खारिज कर चुका है। आयकर विभाग ने शिवकुमार के कार्यालय और आवास पर 2017 में तलाशी और जब्ती अभियान चलाया था। इसके आधार पर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिवकुमार के खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी। इसके बाद, सीबीआई ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी मांगी थी।