Russia Cancer Vaccine: 134 साल पुराने लैब में बनी क्रांतिकारी वैक्सीन, कैंसर के इलाज में आएगा बदलाव

Edited By Updated: 13 Sep, 2025 03:24 PM

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दुनियाभर में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज को लेकर जहां वैज्ञानिक लगातार शोध में जुटे हैं, वहीं रूस ने इस दिशा में एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। रूस ने एक ऐसी कैंसर वैक्सीन 'Enteromix' विकसित की है जो न केवल कोलोरेक्टल कैंसर से लड़ने में मदद...

नेशनल डेस्क: दुनियाभर में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के इलाज को लेकर जहां वैज्ञानिक लगातार शोध में जुटे हैं, वहीं रूस ने इस दिशा में एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। रूस ने एक ऐसी कैंसर वैक्सीन 'Enteromix' विकसित की है जो न केवल कोलोरेक्टल कैंसर से लड़ने में मदद करेगी, बल्कि इलाज की दिशा में एक नई उम्मीद की किरण बन सकती है।

इस वैक्सीन को एक 134 साल पुराने रिसर्च सेंटर में तैयार किया गया है, जिसका इतिहास चिकित्सा विज्ञान में बेहद गौरवशाली रहा है। खास बात यह है कि यह वैक्सीन हर मरीज के ट्यूमर की आनुवांशिक जानकारी के आधार पर व्यक्तिगत रूप से तैयार की जाती है। mRNA तकनीक से बनी यह वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल में प्रभावशाली और सुरक्षित साबित हुई है।

रूसी वैज्ञानिकों ने Enteromix नामक एक अत्याधुनिक कैंसर वैक्सीन कोलोरेक्टल कैंसर (आंत और मलाशय का कैंसर) के इलाज के लिए डिज़ाइन की गई है। यह वैक्सीन न सिर्फ कैंसर से लड़ने में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्षम बनाती है, बल्कि इसे मरीज की जेनेटिक प्रोफाइल के हिसाब से व्यक्तिगत रूप में तैयार किया जाता है।

वैक्सीन कैसे काम करती है?
Enteromix वैक्सीन एक mRNA तकनीक पर आधारित इलाज है – यह वही तकनीक है जो कोविड-19 के दौरान दुनिया भर में लोकप्रिय हुई थी। लेकिन इस बार इसे और उन्नत बनाकर कैंसर के खिलाफ मोर्चा खोला गया है। वैक्सीन में ऐसा RNA कोड होता है जो मरीज के ट्यूमर की अनुवांशिक जानकारी के आधार पर तैयार किया जाता है। इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और नष्ट करने का 'प्रशिक्षण' मिलता है।

प्रमुख फायदे:
व्यक्तिगत इलाज:
हर मरीज के लिए अलग वैक्सीन तैयार की जाती है
साइड इफेक्ट नहीं: अब तक के ट्रायल में कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं पाए गए
ट्यूमर में कमी: प्रारंभिक परीक्षणों में ट्यूमर आकार में कमी देखी गई
कोई कीमोथेरेपी नहीं: शरीर पर कीमोथेरेपी जैसी कठोर प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं

कहां हुआ निर्माण?
इस वैक्सीन का विकास रूस के National Medical Research Radiological Center (NMRRC) और Engelhardt Institute of Molecular Biology के वैज्ञानिकों ने मिलकर किया है। इस प्रोजेक्ट में 134 साल पुरानी ऐतिहासिक प्रयोगशाला- N.F. Gamaleya साइंस लाइब्रेरी — का भी योगदान है। यह लाइब्रेरी चिकित्सा शोध का खजाना मानी जाती है, जहां 3 लाख से अधिक वैज्ञानिक शोध-पत्र और थिसिस संग्रहीत हैं।

रूसियों को फ्री, बाकी देशों को कीमत चुकानी होगी
रूस सरकार ने संकेत दिया है कि देश के नागरिकों को यह वैक्सीन मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएगी, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लाखों रुपये तक हो सकती है। इससे यह वैक्सीन न केवल चिकित्सा क्षेत्र में बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य कूटनीति में भी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है।

तीन और कैंसर के लिए भी उपयोग में लाए जाने की तैयारी
रिपोर्ट्स के अनुसार, Enteromix को भविष्य में अन्य प्रकार के कैंसर - जैसे पैंक्रियाटिक, स्तन और फेफड़ों के कैंसर - में भी उपयोग करने की संभावना जताई जा रही है। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह दुनिया भर में कैंसर के इलाज के स्वरूप को पूरी तरह से बदल सकती है।
 
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैक्सीन चिकित्सा इतिहास में मील का पत्थर साबित हो सकती है। पारंपरिक इलाज की तुलना में इसकी सटीकता, सुरक्षा और असरदार परिणाम इसे एक गेम-चेंजर साबित हो सकते है।

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