Edited By Mehak,Updated: 12 Oct, 2025 07:59 PM

केंद्र सरकार ने स्कूलों में डिजिटल ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने और फीस भुगतान को आसान बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब पेरेंट्स घर बैठे UPI के जरिए मिनटों में स्कूल फीस जमा कर सकेंगे। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों को...
नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने देश के सभी स्कूलों में डिजिटल ट्रांसपेरेंसी और कैशलैस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। शिक्षा मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूलों को पत्र जारी किया गया है। इसमें NCERT, CBSE, KVS, NVS और अन्य शैक्षिक संस्थानों को स्कूल फीस के लिए डिजिटल पेमेंट मोड, खासकर UPI अपनाने का निर्देश दिया गया है। सरकार का कहना है कि इससे न केवल फीस जमा करने में लगने वाली लंबी लाइनों की समस्या खत्म होगी, बल्कि स्कूल प्रशासन टेक्नोलॉजी के मामले में अपडेटेड रहेगा।
स्कूलों में UPI का महत्व
अभी तक अधिकांश स्कूलों में फीस कैश के जरिए भरी जाती थी। इससे पेरेंट्स को अलग से समय निकालकर स्कूल आना पड़ता है। खासकर नए एडमिशन या एग्जाम के समय, फीस काउंटर पर लंबी लाइनें लग जाती हैं। कई बार फीस रिसिप्ट न मिलने या कैश की कमी जैसी समस्याओं के कारण परेशानी और बढ़ जाती थी।
UPI आधारित डिजिटल पेमेंट से पेरेंट्स घर बैठे ही फीस जमा कर सकते हैं, रिकॉर्ड हमेशा के लिए सुरक्षित रहता है और कैशलैस भुगतान संभव हो जाता है।
UPI से कैसे होगा बदलाव
1. डिजिटल इंडिया को बढ़ावा: UPI सिस्टम से डिजिटल इंडिया के लक्ष्य को मजबूती मिलेगी।
2. स्कूल प्रशासन में सुधार: फीस कलेक्शन और रिकॉर्डिंग पूरी तरह डिजिटल हो जाएगा।
3. पेरेंट्स की डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी: धीरे-धीरे बच्चे और पेरेंट्स दोनों डिजिटल प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल में दक्ष होंगे।
4. भविष्य की तैयारी: 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए शिक्षा क्षेत्र में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बेहद जरूरी है।
सरकार का यह कदम बच्चों और पेरेंट्स दोनों के लिए सुविधाजनक और पारदर्शी फीस भुगतान सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही स्कूल प्रशासन भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से बेहतर और सुचारू रूप से काम कर पाएगा।