Edited By Shubham Anand,Updated: 24 Oct, 2025 08:08 PM

दिल्ली हाईकोर्ट ने जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनी JNTL को राहत देते हुए FSSAI के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कंपनी को अपने हेल्थ ड्रिंक पर ORS लिखने से मना किया गया था। FSSAI का कहना था कि केवल WHO मानक वाले प्रोडक्ट ही ORS लिख सकते हैं। डॉ....
नेशनल डेस्क : दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जॉनसन एंड जॉनसन की सहायक कंपनी JNTL कंज्यूमर हेल्थ इंडिया को बड़ी राहत देते हुए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) के आदेश पर रोक लगा दी है। FSSAI ने हाल ही में कंपनी को अपने हेल्थ ड्रिंक उत्पादों पर ‘ORS’ शब्द का इस्तेमाल करने से मना किया था।
FSSAI ने कहा था कि कोई भी कंपनी तभी अपने प्रोडक्ट पर ORS (Oral Rehydration Solution) लिख सकती है, जब उसमें WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा निर्धारित सॉल्ट फॉर्मूला शामिल हो। अथॉरिटी ने पाया था कि कई कंपनियां सामान्य हेल्थ ड्रिंक पर ORS लिखकर उन्हें बाजार में बेच रही थीं, जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम की स्थिति बन रही थी।
डॉक्टर की शिकायत पर हुई थी कार्रवाई
हैदराबाद की बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरंजनी संतोष ने इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी। उन्होंने बताया कि बाजार में बिकने वाले कई प्रोडक्ट्स पर ORS लिखा था, जबकि उनमें WHO के मानकों के अनुरूप सॉल्ट नहीं थे और उनमें शुगर व आर्टिफिशियल स्वीटनर की मात्रा अधिक थी। उनकी अपील पर कार्रवाई करते हुए FSSAI ने ऐसे उत्पादों पर बैन लगाने का आदेश जारी किया था। हालांकि अब हाईकोर्ट ने इस आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी है और अगली सुनवाई में इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
क्या है ORS और क्यों हुआ विवाद?
ORS (Oral Rehydration Solution) शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। WHO के अनुसार, 1 लीटर पानी में 5-6 चम्मच चीनी और 1 चम्मच नमक मिलाकर इसे तैयार किया जा सकता है। इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल, कलर या स्वीटनर नहीं होना चाहिए।
ज्यादा शुगर वाले ORS के नुकसान
ब्लड शुगर बढ़ना, खासकर डायबिटीज के मरीजों में
पेट दर्द और अपच, गैस और दस्त की समस्या
मोटापा, बच्चों में अधिक सेवन से वजन बढ़ना
क्या कहते हैं डॉक्टर
एम्स दिल्ली के डॉ. हिमांशु भदानी ने बताया कि दस्त और डिहाइड्रेशन के मामलों में ORS बच्चों के लिए जीवनरक्षक है, लेकिन इसमें शुगर का स्तर सही होना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि उपभोक्ता हमेशा सरकारी मानकों वाले ORS ही खरीदें और पैकेट पर शुगर कंटेंट व एक्सपायरी डेट अवश्य जांचें।