Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Oct, 2025 04:11 PM

भारत में डिजिटल भुगतान की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आ सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) अब जल्द ही बड़े वित्तीय लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन आधारित प्रमाणीकरण तकनीक को अपनाने की योजना बना रहा है। यह कदम...
नेशनल डेस्क: भारत में डिजिटल भुगतान की दुनिया में एक बड़ा बदलाव आ सकता है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) अब जल्द ही बड़े वित्तीय लेन-देन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए फेस ऑथेंटिकेशन आधारित प्रमाणीकरण तकनीक को अपनाने की योजना बना रहा है। यह कदम UIDAI के उप महानिदेशक अभिषेक कुमार सिंह ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के दौरान साझा किया। इसका उद्देश्य डिजिटल लेन-देन की सुरक्षा को बढ़ाना और धोखाधड़ी की संभावना को कम करना है।
चेहरा प्रमाणीकरण को लेकर UIDAI का जोर यह है कि इसे एक Multi-Factor Authentication के तौर पर इस्तेमाल किया जाए ताकि सही पहचान सुनिश्चित की जा सके। UIDAI के पास दुनिया का सबसे बड़ा biometric database है, जिसे इस तकनीक के जरिये और प्रभावी बनाया जा सकेगा। सिंह ने कहा कि इस नई प्रणाली को अपनाने से न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि यह प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को भी तेज और सरल बनाएगी।
हाल में आई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 64 करोड़ स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की संख्या है। Face Authentication तकनीक से हर स्मार्टफोन एक प्रमाणित पहचान उपकरण बन जाएगा, जिससे डिजिटल दुनिया में लेन-देन करने वाले लाखों लोगों को आसानी से और कहीं भी अपनी पहचान सत्यापित करने की सुविधा मिलेगी। इससे न केवल वित्तीय लेन-देन सुरक्षित होंगे, बल्कि डिजिटल भुगतान का पारिस्थितिकी तंत्र भी काफी मजबूत होगा।
इस पहल के जरिए NPCI एक ऐसा digital infrastructure तैयार करना चाहता है, जो न केवल यूजर्स के लिए भरोसेमंद हो बल्कि धोखाधड़ी के खिलाफ भी मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करे। इस नई तकनीक के जल्द लागू होने की संभावना है, जिससे भारत की डिजिटल भुगतान प्रणाली और अधिक उन्नत एवं सुरक्षित बन सकेगी।
इस बदलाव के बाद, उच्च-मूल्य वाले वित्तीय लेन-देन करने वाले यूजर्स को अब OTP या अन्य पारंपरिक विधियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। चेहरे की पहचान के जरिए तुरंत और सुरक्षित प्रमाणीकरण संभव हो सकेगा, जो Digital Transactions में क्रांतिकारी बदलाव साबित होगा।