Edited By Parveen Kumar,Updated: 17 Oct, 2025 07:15 PM

अफगानिस्तान की धरती शुक्रवार को अचानक तेज़ झटकों से कांप उठी। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में बताया जा रहा है। झटके इतने तीव्र थे कि भारत के जम्मू-कश्मीर में भी इनका असर महसूस किया गया। लोगों में दहशत का माहौल रहा और कई...
नेशनल डेस्क: अफगानिस्तान की धरती शुक्रवार को एक बार फिर जोरदार झटकों से हिल उठी। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 5.6 दर्ज की गई। झटके इतने तेज थे कि भारत के जम्मू-कश्मीर में भी महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा क्षेत्र में बताया जा रहा है।
इससे पहले 1 सितंबर को पूर्वी अफगानिस्तान के नांगरहार प्रांत में आए 6.0 तीव्रता वाले भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। उस भूकंप में करीब 800 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 2,500 से अधिक लोग घायल हुए थे। यह इलाका पाकिस्तान की सीमा के पास स्थित है, जहां की फॉल्ट लाइन्स बेहद सक्रिय मानी जाती हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, पृथ्वी की सतह कई टेक्टॉनिक प्लेटों से बनी होती है जो लगातार बहुत धीमी गति से हिलती रहती हैं। जब दो प्लेटें आपस में टकराती या रगड़ खाती हैं, तो भीतर जमा ऊर्जा अचानक बाहर निकलती है- यही भूकंप कहलाता है।
भूकंप की तीव्रता रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल पर मापी जाती है, जो 1 से 9 तक होती है। स्केल पर 1 का अर्थ बहुत हल्का झटका होता है, जबकि 9 का अर्थ अत्यधिक विनाशकारी भूकंप। झटकों की तीव्रता केंद्र से दूर जाने पर कम होती जाती है। अगर किसी भूकंप की तीव्रता 7 मापी जाए तो उसके करीब 40 किलोमीटर के दायरे में तबाही मचाने वाले झटके महसूस किए जा सकते हैं।