किसान आंदोलन खत्म कर बातचीत करें, सरकार वार्ता के लिए तैयार- नरेंद्र सिंह तोमर

Edited By Updated: 29 Nov, 2020 06:39 PM

end the farmer movement and hold talks the government is ready for talks

किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन खत्म कर बातचीत करें। सरकार खुले मन से बातचीत करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को 3 दिसंबर...

नेशनल डेस्कः किसान आंदोलन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन खत्म कर बातचीत करें। सरकार खुले मन से बातचीत करने को तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों को 3 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है। किसान बातचीत माहौल बनाएं। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों का एमएसपी से कोई लेना-देना नहीं है। एमएसपी पहले भी थी, आगे भी जारी रहेगी।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में  कहा कि संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप काफी विचार-विमर्श के बाद दिया जिनसे किसानों को ‘‘नए अधिकार और नए अवसर'' मिले हैं और इन अधिकारों ने बहुत कम समय में किसानों की समस्याओं को कम करना शुरू कर दिया है। मोदी ने अपने मासिक ‘मन की बात' कार्यक्रम में कहा, ‘‘भारत में खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे हैं। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। किसानों की वर्षों से कुछ मांगें थीं और उन्हें पूरा करने के लिए हर राजनीतिक दल ने कभी न कभी वादा किया था, लेकिन वे कभी पूरी नहीं हुईं।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संसद ने काफी विचार-विमर्श के बाद कृषि सुधारों को कानूनी स्वरूप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बंधन समाप्त हुए हैं, बल्कि उन्हें नए अधिकार और अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है।'' उन्होंने महाराष्ट्र के एक किसान का उदाहरण दिया जिन्होंने एक कारोबारी द्वारा वादे के मुताबिक भुगतान नहीं किये जाने पर पैसा प्राप्त करने के लिए इन कानूनों के प्रावधानों का इस्तेमाल किया।

गौरतलब है कि संसद द्वारा मॉनसून सत्र में पारित तीन कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद कानूनों के रूप में इन्हें लागू किया जा चुका है, जिनका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं और अनेक किसान, मुख्य रूप से पंजाब के किसान सड़कों पर उतर आए हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए बहुत से किसान उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में एक मैदान में जमा हुए हैं। केंद्र सरकार ने किसानों से बात करने की इच्छा प्रकट करते हुए उनसे संपर्क साधा है। सरकार ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और सरकारी मंडियों की व्यवस्थाएं यथावत रहेंगी, जिन मुद्दों पर किसान संगठन चिंता व्यक्त कर रहे हैं। 

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