Edited By Parveen Kumar,Updated: 13 Nov, 2025 10:41 PM

मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन किसी न किसी सरकारी दफ्तर में रिश्वत के खेल का पर्दाफाश हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा।
नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ लोकायुक्त की कार्रवाई लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन किसी न किसी सरकारी दफ्तर में रिश्वत के खेल का पर्दाफाश हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता नजर नहीं आ रहा। ताजा मामला जबलपुर से सामने आया है, जहां विद्युत वितरण कंपनी के एक जूनियर इंजीनियर और कंप्यूटर ऑपरेटर को 7 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने रंगेहाथों गिरफ्तार किया।
बिजली मीटर लगाने के नाम पर मांगी रिश्वत
शिकायतकर्ता गौरीशंकर यादव, निवासी गोहलपुर, नर्मदा नगर (जबलपुर) ने बताया कि उन्हें अपनी पत्नी के नाम से नए मकान न्यू नर्मदा नगर आमखेड़ा रोड गोरखपुर बस्ती नंबर दो में बिजली मीटर लगवाना था। उन्होंने मीटर के लिए ऑनलाइन आवेदन और पेमेंट भी पूरा कर लिया था। लेकिन जब वे जूनियर इंजीनियर वरुण कुमार दरबे के पास पहुंचे, तो कंप्यूटर ऑपरेटर विनोद कोरी ने उनसे 8 हजार रुपये रिश्वत की मांग की। बाद में यह रकम 7 हजार रुपये तय हुई।
लोकायुक्त ने ऑफिस में ही दबोचा
गौरीशंकर यादव ने रिश्वत मांगने की शिकायत लोकायुक्त कार्यालय, जबलपुर में की। जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने ट्रैप की योजना बनाई। निर्धारित दिन पर गौरीशंकर को रिश्वत की राशि लेकर मध्य प्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, उखरी रोड स्थित कार्यालय भेजा गया। जैसे ही उन्होंने रकम जूनियर इंजीनियर वरुण दरबे और कंप्यूटर ऑपरेटर विनोद कोरी को सौंपी, लोकायुक्त टीम ने दोनों को मौके पर ही पकड़ लिया। कार्यालय में मची अफरा-तफरी के बीच टीम ने रिश्वत की रकम बरामद की और दोनों अधिकारियों को हिरासत में ले लिया।
भ्रष्टाचार पर कार्रवाई, पर सवाल अब भी बाकी
मध्यप्रदेश में लोकायुक्त लगातार रिश्वतखोर अफसरों पर शिकंजा कस रही है, लेकिन इस तरह के मामले यह दिखाते हैं कि भ्रष्टाचार का जाल अभी भी गहराई तक फैला हुआ है।