Edited By Pardeep,Updated: 22 Jul, 2025 11:58 PM

लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ किया कि फिलहाल 12% जीएसटी स्लैब को खत्म करने या उसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है।
नेशनल डेस्कः लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने साफ किया कि फिलहाल 12% जीएसटी स्लैब को खत्म करने या उसमें बदलाव का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। इसका मतलब है कि दूध, दही, पनीर, घी, बटर जैसे रोज़मर्रा के खाद्य उत्पादों पर टैक्स में फिलहाल कोई राहत नहीं मिलने वाली।
12% स्लैब पर क्यों उठे थे सवाल?
कुछ दिन पहले मीडिया रिपोर्ट्स में यह खबर सामने आई थी कि जीएसटी काउंसिल के तहत गठित जीओएम (Group of Ministers) ने 12% टैक्स स्लैब को खत्म कर उसे 5% या 18% स्लैब में समायोजित करने की सिफारिश की है। कहा गया कि मंत्रियों के इस समूह में इस पर आम सहमति बन चुकी है।
लेकिन संसद में सरकार ने इन अटकलों पर पूरी तरह से विराम लगाते हुए कहा:
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वित्त मंत्रालय को अभी तक GOM की कोई अंतिम रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
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और जब तक रिपोर्ट नहीं आती, तब तक कोई भी फैसला नहीं किया जा सकता।
सरकार का आधिकारिक रुख क्या है?
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GST दरों में कोई भी बदलाव तभी होता है जब GST काउंसिल सिफारिश करती है।
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यह काउंसिल केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों से मिलकर बनी एक संवैधानिक संस्था है।
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17 सितंबर 2021 को हुई GST काउंसिल की 45वीं बैठक में दरों को युक्तिसंगत (rationalize) करने के लिए एक विशेष मंत्री समूह (GOM) का गठन किया गया था।
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अब तक GOM ने कोई अंतिम रिपोर्ट या सिफारिश केंद्र को नहीं दी है।
इसलिए अभी 12% स्लैब जारी रहेगा और इस स्लैब में आने वाले रोज़मर्रा के जरूरी सामानों पर टैक्स कटौती की कोई संभावना फिलहाल नहीं है।
GOM क्या है और क्यों बना था?
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GOM का गठन GST काउंसिल ने विभिन्न टैक्स स्लैबों को कम करके सरल टैक्स संरचना लागू करने के लिए किया था।
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इसका उद्देश्य था:
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टैक्स दरों में सुधार
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टैक्स चोरी रोकना
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उपभोक्ताओं को राहत देना
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चर्चा थी कि देश की चार टैक्स दरों (5%, 12%, 18%, और 28%) में से 12% स्लैब को खत्म करके प्रणाली को सरल किया जाए।
क्या हो सकता है असर?
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अगर 12% स्लैब हटाया गया और कुछ वस्तुएं 5% में भेजी गईं, तो वे सस्ती हो सकती हैं।
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लेकिन यदि वे 18% में भेजी गईं, तो महंगी हो जाएंगी।
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इसलिए सरकार और राज्यों दोनों को इस निर्णय में संतुलन बनाना होगा।
फिलहाल क्या स्थिति है?
| वस्तु |
मौजूदा जीएसटी दर |
| दूध |
शून्य (नैचुरल, अनब्रांडेड) |
| दही, लस्सी (ब्रांडेड/पैकेज्ड) |
5% या 12% |
| पनीर (ब्रांडेड) |
12% |
| घी, बटर |
12% |
ध्यान दें: अनब्रांडेड और लूज़ उत्पादों पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन ब्रांडेड और पैकेज्ड उत्पादों पर 5-12% जीएसटी लागू होता है।