Edited By Anu Malhotra,Updated: 29 Dec, 2025 12:10 PM

दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं की ताकत का माप रखने वाली संस्था ने ‘ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025’ जारी कर दिया है। इस बार की रैंकिंग यह दर्शाती है कि भविष्य के युद्ध केवल सैनिकों की संख्या से नहीं, बल्कि उन्नत तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर...
इंटरनेशनल डेस्क: दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं की ताकत का माप रखने वाली संस्था ने ‘ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025’ ने अपनी टाॅप आर्मी की लिस्ट जारी कर दी है। इस बार की रैंकिंग यह दर्शाती है कि भविष्य के युद्ध केवल सैनिकों की संख्या से नहीं, बल्कि उन्नत तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर क्षमताओं और अंतरिक्ष प्रभुत्व से तय होंगे। इस सूची में भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह वैश्विक सैन्य परिदृश्य में टाॅप 4 महाशक्तियों में अपना स्थान मजबूती से बनाए हुए है।
अमेरिका: सबसे मजबूत शक्ति
इस साल की रैंकिंग में अमेरिका ने पहला स्थान हासिल किया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है उसका विशाल रक्षा बजट, जो 877 बिलियन डॉलर से अधिक है। अमेरिकी सेना के पास अत्याधुनिक हथियार और तकनीक मौजूद हैं। इसका सैन्य नेटवर्क पूरी दुनिया में फैला है, और 800 से अधिक विदेशी सैन्य अड्डे इसके वैश्विक प्रभुत्व का परिचायक हैं। अमेरिका केवल जमीन पर ही नहीं, बल्कि समुद्र, आकाश, अंतरिक्ष और साइबर स्पेस में भी अपनी ताकत दिखाता है। अमेरिकी सेना में 13 लाख सक्रिय सैनिक हैं। इसके पास स्टील्थ बॉम्बर (B-2, B-21), F-35 लड़ाकू विमान और एडवांस ड्रोन जैसे आधुनिक हथियार मौजूद हैं।
रूस: परमाणु शक्ति और उन्नत मिसाइलों का दम
अर्थव्यवस्था की चुनौतियों के बावजूद रूस ने अपनी परमाणु शक्ति और अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम की बदौलत दूसरे स्थान को मजबूत किया है। रूस के पास लगभग 10 लाख सक्रिय सैनिक हैं और इसका सालाना रक्षा बजट 100 अरब डॉलर है। हाइपरसोनिक मिसाइलें (एवांगार्ड, जिरकोन) और S-400, S-500 एयर डिफेंस सिस्टम इसे रणनीतिक तौर पर बेहद खतरनाक बनाते हैं।
चीन: तेजी से उभरती वैश्विक चुनौती
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पिछले दस सालों में जबरदस्त प्रगति की है। 2025 में चीन तीसरे स्थान पर है। इसके पास दुनिया की सबसे बड़ी सक्रिय सेना है, जिसमें 20 लाख सैनिक शामिल हैं। चीन की नौसेना जहाजों की संख्या के मामले में दुनिया में सबसे आगे है। इसके अलावा, ड्रोन, साइबर वॉरफेयर, मिसाइल फोर्स और अंतरिक्ष तकनीक में भी चीन ने भारी निवेश किया है, जो इसे वैश्विक शक्ति के रूप में खड़ा करता है।
भारत: संतुलित और बहुआयामी शक्ति
भारत चौथे स्थान पर है, जो इसकी बहुआयामी सैन्य क्षमताओं को दर्शाता है। भारतीय सेना न केवल बड़ी है, बल्कि इसमें परमाणु हथियार और आधुनिक स्वदेशी तकनीक भी शामिल हैं। 14.5 लाख सक्रिय सैनिकों और 80 अरब डॉलर के रक्षा बजट के साथ, भारत हर तरह की भौगोलिक चुनौतियों—हिमालय की ऊंचाइयों, रेगिस्तानों और समुद्री सीमाओं—का सामना करने में सक्षम है। स्वदेशी मिसाइल सिस्टम, आधुनिक लड़ाकू विमान और एयरक्राफ्ट कैरियर इसकी ताकत को और बढ़ाते हैं। इसके अलावा, अमेरिका, फ्रांस, रूस और इज़राइल जैसी महाशक्तियों के साथ रणनीतिक साझेदारी इसे और मजबूत बनाती है।
दक्षिण कोरिया: सुरक्षा के लिए उन्नत तैयारी
दक्षिण कोरिया 2025 में शीर्ष पांच में शामिल है। इसकी प्रमुख वजह उत्तर कोरिया के साथ लंबे समय से जारी तनाव है, जिसने इसे अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइल डिफेंस सिस्टम में निवेश करने के लिए मजबूर किया। अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी दक्षिण कोरिया की सैन्य ताकत को और बढ़ा देती है, जिससे यह विश्व की सबसे प्रभावशाली सेनाओं में गिना जाता है।