Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Sep, 2025 02:34 PM

म्यूजिक प्रेमियों के लिए एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। ब्रिटिश रॉक बैंड Supertramp के को-फाउंडर, सिंगर और कीबोर्डिस्ट रिक डेविस (Rick Davies) का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने अपने लॉन्ग आइलैंड स्थित घर में अंतिम सांस ली। उनके...
नई दिल्ली: म्यूजिक प्रेमियों के लिए एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आई है। ब्रिटिश रॉक बैंड Supertramp के को-फाउंडर, सिंगर और कीबोर्डिस्ट रिक डेविस (Rick Davies) का 81 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने अपने लॉन्ग आइलैंड स्थित घर में अंतिम सांस ली। उनके जाने से न सिर्फ उनके फैंस बल्कि पूरी दुनिया की म्यूजिक इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
ब्लड कैंसर से 10 साल की जंग के बाद दी अंतिम विदाई
रिक डेविस पिछले एक दशक से मल्टीपल मायलोमा नाम की गंभीर ब्लड कैंसर बीमारी से जूझ रहे थे। साल 2015 में उन्हें इस बीमारी का पता चला था। इलाज और लंबे संघर्ष के बावजूद अंततः इस जानलेवा बीमारी ने उनकी ज़िंदगी की सुरों से भरी धुन को शांत कर दिया।
‘Supertramp’ को दिलाया ग्लोबल स्टारडम
रिक डेविस ने 1969 में रॉजर हॉजसन के साथ मिलकर Supertramp बैंड की शुरुआत की थी। यह बैंड कुछ ही वर्षों में ग्लोबल रॉक म्यूजिक की लिस्ट में शामिल हो गया। उनकी जुगलबंदी ने ऐसे कई गाने दिए जो आज भी फैंस के बीच क्लासिक माने जाते हैं। बैंड का सबसे बड़ा हिट एल्बम ‘Breakfast in America’ रहा, जिसे चार बार प्लेटिनम का खिताब मिला और इसे दो ग्रैमी अवॉर्ड्स भी हासिल हुए। जब रॉजर हॉजसन 1983 में बैंड से अलग हो गए, तब भी रिक डेविस ने Supertramp को जारी रखा और बैंड की पहचान को बरकरार रखा।
संगीत से रिश्ता बचपन से
रिक डेविस का जन्म 1944 में इंग्लैंड के स्विंडन में हुआ था। बचपन से ही उन्हें संगीत से गहरा लगाव था। उन्होंने कम उम्र में ही ड्रम और पियानो बजाना सीख लिया था। उनकी संगीत में गहराई और रचनात्मकता ही उन्हें बाकियों से अलग बनाती थी।
बैंड ने दी श्रद्धांजलि
Supertramp बैंड ने एक आधिकारिक बयान जारी कर रिक डेविस के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा, "रिक के साथ 50 से अधिक वर्षों तक काम करना एक सौभाग्य की बात थी। उनका संगीत और समर्पण हमेशा हमारे साथ रहेगा। उनका जाना अपूरणीय क्षति है।"
सादगी भरे कलाकार, प्रेरणा का स्रोत
रिक डेविस न सिर्फ एक महान संगीतकार थे, बल्कि बेहद सादगीपूर्ण जीवन जीने वाले इंसान भी थे। जब उनकी तबीयत ने स्टेज पर परफॉर्म करने की इजाजत नहीं दी, तो उन्होंने अपने पुराने दोस्तों के साथ एक छोटा बैंड बनाया और स्थानीय स्तर पर ही संगीत से जुड़े रहे। उनकी लगन, संगीत के प्रति जुनून और सादगीभरी शख्सियत उन सभी के लिए प्रेरणा है जो संगीत को अपना जीवन बनाना चाहते हैं।