Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Dec, 2025 12:26 PM

मध्य प्रदेश से स्वास्थ्य और विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी खुशखबरी आई है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कैंसर उपचार में बड़ी सफलता हासिल की है। उनके शोध में ऐसे पौध-आधारित बायो-मॉलिक्यूल की पहचान हुई है, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोक...
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश से स्वास्थ्य और विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी खुशखबरी आई है। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कैंसर उपचार में बड़ी सफलता हासिल की है। उनके शोध में ऐसे पौध-आधारित बायो-मॉलिक्यूल की पहचान हुई है, जो कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोक सकते हैं और शरीर के Immune System को मजबूत बनाते हैं। अगर आगे के परीक्षण सफल रहे, तो यह खोज कीमोथैरेपी जैसी कठिन प्रक्रियाओं की जरूरत को कम कर सकती है और कैंसर इलाज के क्षेत्र में नया युग शुरू कर सकती है।
अगला कदम:
शोध के अगले चरण में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और देश के प्रमुख कैंसर संस्थानों के सहयोग से क्लिनिकल परीक्षण किए जाएंगे। यदि ये परीक्षण सफल होते हैं, तो यह खोज कैंसर उपचार के क्षेत्र में नए औषधीय मार्ग की आधारशिला साबित हो सकती है।
पौध-जनित कंपाउंड्स का विश्लेषण:
DIC Laboratory में कुल 1,100 से अधिक पौध-जनित मेटाबोलाइट्स का परीक्षण किया गया। परीक्षणों में Withaferin-A and Myricetin जैसे कंपाउंड्स ने कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने की स्पष्ट क्षमता दिखाई।
कैसे हुई पहचान:
शोधकर्ताओं ने अश्वगंधा में मौजूद प्रोटीन्स का विश्लेषण किया और विथाफेरिन-ए की पुष्टि की। यह बायो-मॉलिक्यूल तनाव कम करने, प्रतिरक्षा बढ़ाने और कोशिकाओं की सुरक्षा में सहायक माना जाता है। वहीं, मोरिंगा, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी की पत्तियों में सैकड़ों प्रोटीन्स की जांच के बाद मायरिसिटिन को पृथक किया गया, जो कैंसर कोशिकाओं पर प्रभाव डाल सकता है।