Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Aug, 2025 03:14 PM

मॉनसून का मिज़ाज अब और ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। देश के कई राज्यों में बादल सिर्फ बरस नहीं रहे, तबाही लेकर आ रहे हैं। लगातार हो रही तेज़ बारिश ने पहाड़ों में भूस्खलन और मैदानों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते...
नेशनल डेस्क: मॉनसून का मिज़ाज अब और ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। देश के कई राज्यों में बादल सिर्फ बरस नहीं रहे, तबाही लेकर आ रहे हैं। लगातार हो रही तेज़ बारिश ने पहाड़ों में भूस्खलन और मैदानों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि 29 अगस्त तक खतरा और गहराने वाला है। ऐसे में अगले कुछ दिन सभी के लिए बेहद सतर्कता बरतने वाले हो सकते हैं।
हिमालयी राज्यों में सबसे बुरा हाल
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्यों में बारिश ने सबसे ज्यादा कहर बरपाया है। पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलधार बारिश से सड़कें टूट गई हैं, कई जगह भूस्खलन के कारण रास्ते पूरी तरह से बंद हो चुके हैं। पर्यटक और स्थानीय लोग दोनों फंसे हुए हैं और बचाव कार्यों में कठिनाई आ रही है।
लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में संकट गहराया
लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में भी बारिश तेज रफ्तार पकड़ चुकी है। लद्दाख में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं और प्रशासन ने अगले 24 घंटों के लिए विशेष चेतावनी जारी की है। जम्मू-कश्मीर के डोडा, पुंछ और राजौरी जैसे क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन का खतरा मंडरा रहा है।
मैदानी राज्यों में भी भारी चेतावनी
बिहार के 24 जिलों में तेज गरज-चमक के साथ बारिश और 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में आज तूफानी बारिश की संभावना जताई गई है।
राजस्थान में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन ठप कर दिया है। कुछ जिलों में जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन रहे हैं।
मध्य प्रदेश और गुजरात में भी रेड अलर्ट जैसी स्थिति है। अधिकांश जिलों में अगले 48 घंटे तक तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
आगे कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विभाग का कहना है कि 29 अगस्त तक बारिश का यह सिलसिला थमने की उम्मीद नहीं है। खासकर मध्य भारत, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश के आसार हैं।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, घरों में रहें
राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से जरूरी होने पर ही बाहर निकलने की अपील की है। नदियों के किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। वहीं, भूस्खलन संभावित इलाकों में यात्रा स्थगित करने की भी चेतावनी दी गई है।