Edited By Anu Malhotra,Updated: 19 Dec, 2025 02:30 PM

बैंक में रखा पैसा सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब वही रकम चुपचाप खातों से गायब होने लगे तो भरोसा टूट जाता है। ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अमीर ग्राहकों के बैंक खातों से धीरे-धीरे करोड़ों रुपये निकाल लिए गए और किसी को भनक तक नहीं...
नेशनल डेस्क: बैंक में रखा पैसा सुरक्षित माना जाता है, लेकिन जब वही रकम चुपचाप खातों से गायब होने लगे तो भरोसा टूट जाता है। ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां अमीर ग्राहकों के बैंक खातों से धीरे-धीरे करोड़ों रुपये निकाल लिए गए और किसी को भनक तक नहीं लगी। जांच में खुलासा हुआ कि करीब 80 करोड़ रुपये की हेराफेरी बैंक के भीतर बैठे एक कर्मचारी ने सुनियोजित तरीके से की। सवाल यह है कि यह ‘खेल’ आखिर कैसे खेला गया और इतने समय तक किसी को शक क्यों नहीं हुआ?
दरअसल, विदेशी बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड (Standard Chartered) प्रायोरिटी बैंकिंग यूनिट के तहत हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HNI) ग्राहकों के खातों से करीब 80 करोड़ रुपये गायब कर दिए गए। यह घोटाला नवंबर के मध्य तब उजागर हुआ, जब एक ग्राहक ने शिकायत की कि उसकी एफडी से 2.7 करोड़ रुपये अचानक गायब हैं। यहीं से मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं।
जांच में सामने आया बड़ा खेल
ग्राहक की शिकायत के बाद बैंक ने आंतरिक जांच शुरू की। शुरुआती पड़ताल में ही साफ हो गया कि यह सिर्फ एक खाते का मामला नहीं है। जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि बेंगलुरु के एमजी रोड स्थित बैंक शाखा से कई अमीर कारोबारी परिवारों के खातों में जमा रकम को योजनाबद्ध तरीके से दूसरी जगह डायवर्ट किया गया। अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, इस हेराफेरी में कम से कम 80 करोड़ रुपये की रकम प्रभावित हुई है।
बैंक का ही कर्मचारी निकला मास्टरमाइंड
इस पूरे घोटाले का मुख्य आरोपी बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर नक्का किशोर कुमार है। हलसुरु पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। बैंक ने भी तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया।
कैसे की गई करोड़ों की हेराफेरी?
जांच एजेंसियों के मुताबिक, आरोपी ने ग्राहकों के हस्ताक्षर फर्जी तरीके से बनाए, नकली एफडी बॉन्ड तैयार किए और फिर RTGS के जरिए रकम को थर्ड पार्टी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया। इतना ही नहीं, ताकि किसी को शक न हो, वह ग्राहकों के खातों में फर्जी ब्याज भुगतान भी दिखाता रहा। जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने इस रकम का इस्तेमाल स्टॉक फ्यूचर्स ट्रेडिंग में किया।
बैंक की सफाई और कार्रवाई
Standard Chartered Bank ने इस फ्रॉड की पुष्टि करते हुए कहा है कि खाताधारकों के हित सर्वोपरि हैं और गलत आचरण के लिए बैंक की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है। घोटाले की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने इस केस को बेंगलुरु सिटी पुलिस से हटाकर राज्य अपराध जांच विभाग (CID) को सौंप दिया है। बैंक ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और मामले की विस्तृत जांच के लिए PwC को नियुक्त किया है। जिन ग्राहकों के खाते प्रभावित हुए हैं, उनसे बैंक खुद संपर्क कर रहा है। बैंक का कहना है कि जिन खातों से रकम गायब हुई है, सारी राशि ग्राहकों को वापस की जाएगी। अब तक आरोपी और बैंक के खिलाफ पांच से ज्यादा खाताधारक शिकायत दर्ज करा चुके हैं।